थमने का नाम नहीं ले रही सियासत, जबलपुर में बीजेपी ने निकाली वंदे मातरम् रैली

जबलपुर में पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई के नेतृत्व में वंदे मातरम् (Vande matram) रैली निकाली गई.

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Drigraj Madheshia
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थमने का नाम नहीं ले रही सियासत, जबलपुर में बीजेपी ने निकाली वंदे मातरम् रैली

मध्य प्रदेश में वंदे मातरम् (Vande matram) के मुद्दे को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है.

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मध्य प्रदेश में वंदे मातरम् (Vande matram) के मुद्दे को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. जबलपुर में पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई के नेतृत्व में वंदे मातरम् (Vande matram) रैली निकाली गई. इसमें बीजेपी के तमाम विधायक कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे. शहर के शहीद स्मारक से शुरू हुई इस वंदे मातरम् (Vande matram) रैली के दौरान तमाम बीजेपी के कार्यकर्ता वंदे मातरम् का नारा लगाते रहे.

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रैली टाउन हॉल में जाकर खत्म हुई जहां महापौर स्वाति गोडबोले ने वंदे मातरम् गाकर रैली का समापन किया. इस मौके पर अजय विश्नोई ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आते ही वंदे मातरम् पर रोक लगा दी लेकिन जैसे ही विवाद शुरू हुआ तो मुख्य मंत्री कमलनाथ पलटी खा गए. लेकिन उन्होंने वंदे मातरम् का अपमान तो किया है और इसे लेकर बीजेपी  अब जिला स्तर पर वंदे मातरम् गान का आयोजन करेगी. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में अजय विश्नोई का नाम तेजी से सामने आ रहा है लेकिन अजय बिश्नोई का कहना है कि वह इस दौड़ में शामिल नहीं है बीजेपी में कई बड़े नेता हैं जो नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं.

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बता दें वल्लभ भवन के उद्यान में होने वाले 'वंदे मातरम्' पर अस्थायी रोक का विवाद पनपा, मीसाबंदी सम्मान निधि (पेंशन) के फिर से निर्धारण और अब भोपाल के पुल पर लगी उद्घाटन पट्टिका पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर रंग पोते जाने का मामला गरमा गया है. बीजेपी के हमलों के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और सरकार ने कहा कि अब 'वंदे मातरम्' को नए स्वरूप में किया जाएगा, मगर उसके पास यह जवाब नहीं है कि आखिर एक तारीख को होने वाला सामूहिक 'वंदे मातरम्' वल्लभ भवन के उद्यान में आखिर हुआ क्यों नहीं. कहा तो यह जा रहा है कि उस दिन नए मुख्य सचिव के तौर पर एस.आर. मोहंती को पदभार संभालना था और नौकरशाही संशय में थी कि अगर 'वंदे मातरम्' कराया तो कहीं नई सरकार नाराज न हो जाए. बस, इसीलिए 13 साल की परंपरा आगे नहीं बढ़ी.

Source : News Nation Bureau

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