दलित आंदोलन को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि भिंड और मुरैना में भीड़ को पैसा देकर भड़काया गया था।
इस बारे में राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) मकरंद देउस्कर ने जानकारी देते हुए बताया, 'भिंड और मुरैना में हिंसा भड़काने के लिए पैसा दिया गया था। कई संस्थाओं और लोगों को इलाक़े में हिंसा भड़काने के लिए पैसा दिया गया था। पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है।'
हालांकि पुलिस महानिरीक्षक ने फिलहाल हिंसा भड़काने के लिए पैसा किसने दिया इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया है।
बता दें कि 2 अप्रैल को एससी/एसटी कानून को कमजोर किए जाने के खिलाफ आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भड़की हिंसा में कुल आठ लोगों की जान गई थी। ग्वालियर में तीन, भिंड में चार और मुरैना में एक व्यक्ति की हिंसा में मौत हुई थी।
चंबल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष कुमार सिंह ने बताया, 'भिंड व मुरैना के कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में पुलिस की चौकसी बनी हुई है। मुरैना में सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक और भिंड में 10 बजे से अपरान्ह चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी का दौर जारी है।'
हिंसा प्रभावित जिलों में सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है। विशेष सशस्त्र बल की 16 कंपनियां, आरएएफ की चार कंपनियां, एसटीएफ की दो कंपनियों के अलावा नवप्रशिक्षित 550 उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) और नवप्रशिक्षित 3000 आरक्षक तैनात किए गए हैं। सुरक्षा बल लगातार गश्त कर रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau