MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के कलगुड़ी, बरेला गांव की रहने वाली अंशुमाला अजय धगट, जो एक सफल और प्रेरणादायक महिला किसान हैं, जो अपनी खेती को एक नए आयाम पर पहुंचाया है. उन्होंने अपने जैविक फार्म पर एक मिनी मौसम केंद्र स्थापित किया है, जो उन्हें उनके खेत के मौसम के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है. यह मौसम केंद्र करीब दो महीने पहले लगाया गया था और हाल ही में इसे निरीक्षण के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने दौरा किया. इसमें संयुक्त संचालक कृषि के एस नेताम, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर एस सिसोदिया और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
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मिनी मौसम केंद्र से मौसम की सटीक जानकारी
आपको बता दें कि अंशुमाला का यह मिनी मौसम केंद्र उन्हें अगले पंद्रह दिनों तक के मौसम की जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे अपने खेतों में सही समय पर फसल की बुवाई, सिंचाई और अन्य कार्य कर पाती हैं. इस आधुनिक उपकरण की मदद से मौसम की सटीक जानकारी मिलती है, जिससे खेती में बेहतर निर्णय लेने में सहायता मिलती है. अंशुमाला की लगभग 10 एकड़ की जमीन मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित है, जो उनकी जैविक खेती की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है.
जैविक खेती में नवाचार और गिर गायों का महत्व
वहीं अंशुमाला के जैविक फार्म पर 110 गिर गायें हैं, जिनके गोबर और गौमूत्र से वह प्राकृतिक उर्वरक 'जीवामृत' तैयार करती हैं. इसके लिए उन्होंने एक उन्नत लिक्विड बायोफर्टिलाइजर सिस्टम स्थापित किया है, जो प्रति दिन 200 लीटर जीवामृत तैयार करता है. यह उर्वरक मिट्टी की उर्वरता और फसलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक होता है. इस प्रणाली के जरिए अंशुमाला धगट ने जैविक खेती को एक नए स्तर पर पहुंचाया है और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनी हैं.
मिनी मौसम केंद्र - 'किसानों के लिए वरदान'
साथ ही आपको बता दें कि यह मिनी मौसम केंद्र एक अत्याधुनिक उपकरण है, जिसकी लागत करीब 50 हजार रुपये है. ये स्वचालित रूप से सूर्य की तीव्रता, हवा की गति, तापमान, वायुदाब, नमी और मिट्टी के तापमान जैसे महत्वपूर्ण पैरामीटर मापता है. बता दें कि ये सॉफ्टवेयर आधारित वेदर स्टेशन किसानों को सटीक मौसम पूर्वानुमान देता है, जिससे उन्हें अपनी खेती की योजनाओं को सही ढंग से लागू करने में मदद मिलती है.
हर किसान के लिए उपयोगी तकनीक
इसके अलावा आपको बता दें कि संयुक्त संचालक कृषि के एस नेताम ने कहा कि यह उपकरण हर किसान के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. मिनी मौसम केंद्र के माध्यम से किसान मौसम की बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी खेती की रणनीति को बेहतर बना सकते हैं.