अब MP सरकार पर लगा कोरोना मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप, कांग्रेस ने उठाए सवाल

बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार पर भी कोरोना से हुई मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा है. विपक्षी पार्टी ने कोरोना मामले पर शिवराज सरकार को घेरा है.  कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मांग किया है कि एमपी सरकार कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों के सही करें.

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Vineeta Mandal
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Congress Leader Jitu Patwari

Congress Leader Jitu Patwari ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार पर भी कोरोना से हुई मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा है. विपक्षी पार्टी ने कोरोना मामले पर शिवराज सरकार को घेरा है.  कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मांग किया है कि एमपी सरकार कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों के सही करें. एमपी के अलावा कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और गुजरात सरकार पर भी कोविड से मौत के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से शनिवार को कहा गया कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ, विजय रुपाणी और शिवराज सिंह चौहान को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

मुख्य विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि देश में कोविड से हुई मौतों का सही आंकड़ा पता करने और आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जांच कराई जाए.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश में कोविड से मौत के आंकड़ों से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, '170000 मौत- अकेले मई माह में- सिर्फ़ मप्र में! जो न सोचा, न सुना, वो सत्य सामने है . मध्यप्रदेश में अकेले मई माह में छह महीने के बराबर मौतें हो गईं. इंसान की जान सबसे सस्ती कैसे हो गई? क्यों आत्मा मर गई? कैसे शासन पर बैठे हैं 'शिवराज'? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री सामने आएं, बताएं कि कौन जिम्मेदार ?'

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पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'एनडीए का मतलब ही 'नो डेटा अवेलेबल' (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं) है. अर्थव्यवस्था और नौकरियों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. अब लोगों की जान जाने के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं, जो बहुत ही दुखद है. नए भारत में अब मरने वालों का सही आंकड़ा भी नहीं दिया जा रहा है.'

उन्होंने कहा, 'मई महीने में मध्य प्रदेश में 1.7 लाख लोगों की मौत हुई, जबकि सरकारी आंकड़े में सिर्फ 2451 लोगों की मौत कोविड से होने की बात की गई है. सच्चाई यह है आंकड़ा छिपाया गया है. गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी आंकड़े छिपाए गए हैं. इन दोनों राज्यों के बारे में भी ऐसी खबरें आ चुकी हैं.' खेड़ा ने दावा किया, 'ऐसा लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में कोविड से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने की होड़ लगी हुई है.'

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है,'शिवराज जी आप कमलनाथ को बदनाम कर सकते हैं, लेकिन सत्य को मिटा नहीं सकते. जनवरी से मई 2019 की तुलना में 2021 में 1.9 लाख ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, इन मौतों का जिम्मेदार कोरोना वायरस और आपकी सरकार के अलावा और कोई नहीं है.'

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एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सीआरएस की एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार कोरोना काल मे हुई मौतों के आंकड़ों को छिपा रही है. कांग्रेस के मुताबिक सीआरएस रिपोर्ट में जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं उसमें मई 2021 में 1 लाख 60 हज़ार से ज्यादा मौत बताई गई है जो कांग्रेस के आरोपों को सच साबित करती है.

कांग्रेस ने सीआरएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 'मई 2020 में 34,320 लोगों की मौत हुई थी जबकि मई 2021 में यह बढ़कर 1,64,838 तक पहुंच गई'. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने मई के महीने में डेढ़ लाख मौतों का आंकड़ा घोषित किया था वह अब सीआरएस की रिपोर्ट के बाद सत्य सिद्ध हो गया है मुख्यमंत्री जी, 1,64,838 मौतों का जवाब दीजिए जो मई महीने में हुई है. बताइए इतनी मौत किन कारणों से हुई और इसमें कोरोना की वजह से हुई मौतों की संख्या कितनी है.

एमपी में कोरोना की स्थिति-

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है, बीते 24 घंटों के दौरान 145 नए मरीज ही सामने आए हैं, राज्य का रिकवरी रेट साढ़े 98 प्रतिशत हो गया है. वहीं देश में कोरोना के संक्रमण के मामले में राज्य सबसे नीचे आ गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की दृष्टि से राज्य देश के 28 राज्यों में सबसे नीचे आ गया है. पॉजिटिविटी रेट घटकर एक प्रतिशत से कम, शून्य दशमलव दो हो गया है.

अब प्रदेश के छह जिलों में ही पांच से अधिक कोरोना के नए प्रकरण आए हैं. भोपाल में 42, इंदौर में 34, जबलपुर में नौ, विदिशा में छह, राजगढ़ में पांच और उज्जैन में पांच कोरोना के नए प्रकरण आए हैं. वहीं 22 जिले ऐसे हैं, जहां एक भी नया प्रकरण सामने नहीं आया. भिंड और बुरहानपुर जिले पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं. यहां कोरोना का न तो कोई नया प्रकरण आया है और न ही कोई एक्टिव प्रकरण है.

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