नई पीढ़ी के नामचीन नेताओं में शुमार ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया का जन्म एक जनवरी 1971 को बंबई में हुआ था. उनके पिता के नाम माधव राव सिंधिया है और मां का नाम माधवी राजे सिंधिया है. उनके पिता माधवराव सिंधिया की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती थी. वे कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. ज्योतिरादित्य की स्कूली शिक्षा देहरादून के दून स्कूल के कैंपियन स्कूल में हुई. उन्होंने आगे की पढ़ाई हार्वड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में की और 1993 में ग्रेजुएट हुए. उन्होंने 2001 में स्टैंडफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री ली. 1947 में देश आजाद होने पर ग्वालियर भारत का अंग बन गया लेकिन जीवाजीराव को मृत्यू तक महाराजा का खिताब और विशेषाधिकार रखने की इजाजत दी गई. उनके बेटे माधवराव सिंधिया को भी महाराजा के नाम से बुलाया जाने लगा.
हालांकि 1971 में 26वें संविधान संशोधन में सभी राजसी उपाधियों, विशेषाधिकारों और प्रवी पर्स को खत्म कर दिया गया. वे ग्वालियर राजघराने से तालुक रखते हैं. इनके पूर्वज ने ग्वालियर पर शासन किया था.
राजनीतिक सफर
ज्योतिरादित्य मध्य प्रदेश के गुना सीट से लोकसभा सदस्य हैं. वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट में अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे.
ज्योतिरादित्य फरवरी 2002 में पहली बार गुना से लोकसभा चुनाव जीते. यहीं उनके पिता पहले चुनाव लड़ते थे. वह फिर 2004 में चुनाव जीते और 2007 में पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने. उन्हें संचार एवं सूचना टैक्नोलॉजी मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया. वह लगातार तीसरी बार 2009 में लोकसभा चुनाव जीते वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. बाद में उन्हें ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया.
यूपीए सरकार में सिंधिया सर्वाधिक अमीर मंत्रियों में गिने जाते थे. वे ग्वालियर के सिंधिया स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं. इसके स्कूल की स्थापना 1897 में उनके परदादा ने की थी. इस स्कूल स्थापना भारत के राजाओं और रईसों के बेटों के पढ़ने के लिए की गई थी. 1947 में यह स्कूल सबके लिए खोल दिया गया. वह इंदौर के डेली कॉलेज के वंशानुगत संरक्षक भी है. इस कॉलेज की स्थापना 1882 में की गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं मे होती है. कांग्रेस ने 2018 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी है. उम्मीद है विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau