मध्यप्रदेश में दामों में बेतहाशा वृद्धि से आम उपभोक्ता के खाने से प्याज (Onion) गायब हो गई है. राजधानी सहित अन्य स्थानों पर प्रशासन सस्ती दर पर प्याज उपलब्ध कराने के प्रयास कर रहा है. मगर लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. इसके मद्देनर सरकार ने प्याज को अधिसूचित कर थोक व्यापारी के लिए 500 कुंटल और फुटकर व्यापारी के लिए अधिकतम 100 कुंटल प्याज रखने की सीमा तय कर दी है.
यह भी पढ़ें: ग्रेच्युटी (Gratuity) क्या है, कैसे मिलती है और इसकी गणना कैसे करते हैं, जानें यहां
राज्य सरकार ने प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण कायम रखने तथा उपभोक्ताओं को प्याज की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए 'मध्यप्रदेश प्याज व्यापारी (स्टॉक सीमा तथा जमाखोरी पर निर्बन्धन) आदेश 2019' जारी किया गया है. इसके अनुसार थोक प्याज व्यापारी तथा कमीशन एजेंट के लिए अधिकतम 500 कुंटल तथा फुटकर व्यापारी के लिए अधिकतम 100 कुंटल स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. यह आदेश 30 नवम्बर, 2019 तक प्रभावी रहेगा.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की आधी GDP के बराबर है मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप
स्टॉक की स्थिति का बोर्ड लगाना अनिवार्य
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य शासन ने सभी थोक और फुटकर प्याज विक्रेताओं के लिए स्टाक पंजी का संधारण करना और स्टाक की अद्यतन स्थिति का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है. अब प्याज स्टॉक की उपलब्धता होने पर व्यापारी विक्रय करने से इंकार नहीं कर सकेगा. राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्था में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, नापतौल निरीक्षक, नायब तहसीलदार, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक स्तर तक अथवा उससे वरिष्ठ अधिकारी अपने क्षेत्रांतर्गत व्यापारी से प्याज के संबंध में जानकारी हासिल कर सकेगा.
यह भी पढ़ें: मुकेश अंबानी गूगल के मालिक को पीछे छोड़कर बने नवें सबसे अमीर व्यक्ति
ज्ञात हो कि राजधानी सहित कई अन्य स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा 50 रुपये किलो की दर से स्टाल लगाकर प्याज का विक्रय किया जा रहा है, मगर इससे भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। इस व्यवस्था में एक व्यक्ति को दो किलो तक की प्याज लेने की व्यवस्था है, वहीं लगाए गए स्टाल हर क्षेत्र में नहीं हैं.