मध्य प्रदेश में बदलाव का साल, फिर भी सामने हैं कई सवाल

मध्य प्रदेश की सत्ता बदले एक साल हो गया है. इस दौरान कई क्षेत्रों में बदलाव का पहिया तेजी से घूमाने की कोशिशें हुई हैं. कई योजनाओं को अमली जामा पहनाने के दावे हो रहे हैं.

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Dalchand Kumar
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मध्य प्रदेश में बदलाव का साल, फिर भी सामने हैं कई सवाल

मध्य प्रदेश में बदलाव का साल, फिर भी सामने हैं कई सवाल( Photo Credit : IANS)

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मध्य प्रदेश की सत्ता बदले एक साल हो गया है. इस दौरान कई क्षेत्रों में बदलाव का पहिया तेजी से घूमाने की कोशिशें हुई हैं. कई योजनाओं को अमली जामा पहनाने के दावे हो रहे हैं. मगर अब भी कई सवाल हैं, जिनके जवाब आने बाकी हैं. एक साल की अपनी उपलब्धियों से सरकार खुश है, वहीं विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. राज्य में डेढ़ दशक बाद सत्ता में आई कांग्रेस को बदलाव का संदेश जन-जन तक पहुंचाने और दिखाने की बड़ी चुनौती सरकार के सामने शुरू से रही है. यही कारण रहा कि बीते साल आज के ही दिन शपथ लेते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों का कर्ज माफ करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर किए.

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कमलनाथ का दावा है कि बीता एक साल घोषणाओं का नहीं रहा है, बल्कि इस अवधि में 365 वचन पूरे किए गए हैं. यह सरकार घोषणाओं वाली सरकार नहीं रही है, बल्कि इस सरकार ने अपने वचनों को पूरा करने का काम किया है. मुख्यमंत्री के अनुसार, वर्तमान सरकार ने किसानों, नौजवानों, महिलाओं, पिछड़ों, गरीबों, आदिवासियों सहित अन्य वर्गो के लिए अनेक योजनाओं को अमल में लाया है. किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ किए गए हैं. नौजवानों को साल में चार माह का प्रशिक्षण सहित रोजगार देने की पहल हुई, कन्यादान योजना की राशि बढ़ाई गई, राज्य में लगने वाले संयंत्रों में स्थानीय 70 प्रतिशत लोगों को रोजगार देने की बाध्यता की गई है. पिछड़ों को दिया जाने वाला आरक्षण बढ़ाकर 27 फीसदी किया गया है. बिजली बिल कम किया गया है, 100 यूनिट बिजली 100 रुपये में दिए जाने के लिए योजना शुरू की गई है. गरीबों और आदिवासियों के लिए योजनाएं शुरू की गईं.

सरकार के अनुसार, आम जन को जरूरत का पानी मिले, इसके लिए पानी का अधिकार लागू किया जा रहा है. इसी तरह स्वास्थ्य का अधिकार देने की कवायद जारी है तो खाद्य पदाथरें और कृषि सामग्री में मिलावट को रोकने के लिए 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है. राज्य को माफिया मुक्त करने का अभियान शुरू किया गया है. दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जा रहे हैं. राज्य में कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं, 'मुझे अपने कामकाज के आकलन का प्रमाण-पत्र जनता से चाहिए. मेरा विश्वास है कि हमारे कार्यो पर अंतिम मुहर जनता की लगनी चाहिए. जनता की तरफ से यह बात आए कि उसे सरकार और नेतृत्व पर विश्वास है. यही प्रमाण-पत्र हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. आयोजनों, अभियानों और अतिरेक प्रचार-प्रसार करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हो, तो यह जनता के साथ धोखा है.'

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दूसरी ओर, भाजपा कमलनाथ सरकार के एक साल के कार्यकाल को असफल करार देती है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है, 'यह सरकार विकास नहीं, बल्कि तबादलों की सरकार रही है. यह इतिहास की भ्रष्टतम सरकार है. हाल यह है कि यहां माफिया शराब नीति बना रहे हैं. धार्मिक नगरी में बार खोले जा रहे हैं. रेत और खनिज माफिया सक्रिय हैं.' वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार के एक साल को भय, भूख और भ्रष्टाचार में सिरमौर वाला काल करार दिया है. उनका कहना है कि युवा, बेरोजगार, किसान, महिलाओं पर अत्याचार के अलावा कुछ नहीं हुआ है.

राजनीति के जानकार रवींद्र व्यास का मानना है, 'इस सरकार के पहले साल का कार्यकाल ठीक रहा है. वह अपने वचनों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ी है. मगर इस अवधि में सरकार की प्रशासनिक कमजोरी भी सामने आई है. भाजपा के काल में प्रशासन जनता की उपेक्षा करता था, अब तो पहले से कहीं ज्यादा हो गया है. छतरपुर में तो कलेक्टर मोहित बुंदस से जनता तो क्या विधायक तक नहीं मिल पाते. भाजपा के शासनकाल में रेत माफिया सक्रिय रहते थे, इस सरकार के काल में भी वे सक्रिय हैं.'

Source : आईएएनएस

BJP congress Government Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath
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