कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण को कारगर हथियार माना गया है. देश के अन्य हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश में भी टीकाकरण का काम जारी है, मगर समाज के कई वर्गों में टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां हैं. इन भ्रांतियों को खत्म कर टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के मकसद से राजधानी के कई हिस्सों में लोगों केा पीले चावल के साथ आमंत्रण भी बांटे जा रहे है. कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में उत्साह आए और वे टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचे, इसके लिए पूरे प्रदेश में तरह तरह से अभियान चलाए जा रहे है. भारतीय परंपराओं के अनुसार शुभ कार्य और खासकर शादी के मौके पर अपने प्रियजनों को आमंत्रण पत्र के साथ पीले चावल दिए जाते है. यह अपनापन जाहिर करने का तरीका है. इसी तरीके के राजधानी के नजीराबाद क्षेत्र में कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए केंद्रों तक आने का न्यौता दिया गया.
कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के भ्रम है, इसे दूर करने में आशा कार्यकर्ता लगी हुई है. आम लोगों को सुझाव देकर कोरोना कितनी खतरनाक बीमारी इस बारे में बता रही है. लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना जैसी बीमारी का एक मात्र इलाज वैक्सीन हैं जिसको लेकर खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो का मानना है कि टीका लगने से बुखार आ जाता हैं, इस गलत भ्रांति को दूर कर रही है.
महिलाओं के टोली गांव में लोगों के घरों तक पहुंचकर बता रही है कि टीका लगने पर बुखार आना एक सामान्य प्रक्रिया हैं और कोई भी दिक्कत नहीं होती. वही आशा कार्यकर्ता द्वारा ग्रामीण लोगो को टीकाकरण के लिए आमंत्रण पत्र एव पीले चावल देकर आमन्त्रित कर रही हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना को हराना हैं तो वैेक्सीन जरूर लगवाना है. बताया गया है कि सहयोगी व आशा कार्यकतार्ओं द्वारा घर घर जाकर लोगो को आमंत्रण पत्रक देकर वैक्सीन के बारे में समझाने का असर भी हुआ है. कोरोना वैक्सीन के बारे में सहयोगी नीतू शर्मा एव आशा कार्यकतार्ओं ने मोहल्ले के लोगो को फायदे बताए वही ग्रामीणों ने भी उनका सहयोग समर्थन करते हुए बात मानी और वे वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गए.
HIGHLIGHTS
- समाज के कई वर्गों में टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां
- कोरोना जैसी बीमारी का एक मात्र इलाज वैक्सीन हैं
- राजधानी के कई हिस्सों में लोगों केा पीले चावल के साथ आमंत्रण भी बांटे जा रहे है
Source : IANS