मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है. दरअसल यहां शहडोल जिलमे में घने जंगलों के बीच कुटिया बनाकर रह रहे एक साधु के भजन के आगे जंगली भालू का एक परिवार मंत्रमुग्ध हो गया है. यहां तक कि भालू का परिवार इतना भक्त हो गया है कि चुपचाप भजन सुनता है और अंत में प्रसाद लेकर वापस जंगल में चला जाता है.
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2003 से रह रहे हैं साधु
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में जैतपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत खड़ाखोह के जंगल में सोन नदी के समीप राजमाड़ा में सीताराम साधु 2003 से कुटिया बनाकर रह रहे हैं. साधु ने बताया कि जंगल में कुटिया बनाने के बाद उन्होंने वहां प्रतिदिन रामधुन के साथ ही पूजा-पाठ शुरू किया. एक दिन उन्होंने देखा कि दो भालू उनके पास बैठे हुए हैं और खामोशी से भजन सुन रहे हैं. सीताराम ने बताया कि उस दिन से भजन के दौरान भालुओं के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो वह अभी तक जारी है.
साधु ने रखा परिवार के सभी सदस्यों का नाम
सीताराम का भालुओं से अपनापन इस तरह का हो गया है कि उन्होंने उनका नामकरण भी कर दिया है. उन्होंने बताया कि नर भालू को ‘लाला’ और मादा को ‘लल्ली’ के साथ ही शावकों को ‘चुन्नू’ और ‘मुन्नू’ नाम दिया है. वन विभाग के जैतपुर परिक्षेत्र के रेंजर सलीम खान ने भी भालुओं के वहां आने पुष्टि की है.
Source : News State