Maharashtra News: महाराष्ट्र पुलिस और सेना की खुफिया टीम ने संयुक्त रूप से राज्य में एक बड़े सेना भर्ती कै रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इसके साथ ही टीम ने सेना में भर्ती रैकेट चलाने वाले फर्जी मेजर को भी गिरफ्तार किया है. सेना भर्ती रैकेट चलाने वाला फर्जी मेजर देहरादून और औरंगाबाद में सेना भर्ती का भर्ती ट्रेनिंग शिविच चलाया था.
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक विशेष खुलिया इनपुट के आधार पर मिलिट्री इंटेलिजेंस, पुणे और बिंगार कैंप पुलिस स्टेशन, अहमदनगर ने बुधवार को एक संयुक्त अभियान शुरू किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से पीछा करने के बाद बेलापुर, श्रीरामपुर, अहमदनगर महाराष्ट्र से एक आरोपी सत्यजीत बारथ कांबले को गिरफ्तार कर लिया.
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कई राज्यों में चला रहा था सेना भर्ती का रैकेट
गिरफ्तार किया गया आरोपी सेना का एक मेजर बनकर महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर फर्जी भर्ती रैकेट चला रहा था. वह उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में अपने साथियों के साथ मिलकर सैकड़ों उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों (सेना और एमईएस) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था.
हर उम्मीदवार से ठगे 7-8 लाख रुपये
जांच से पता चला कि सत्यजीत बराथ कांबले अपने साथियों के साथ देश भर में चलाए जा रहे फर्जी भर्ती मॉड्यूल का सरगना है. जिनमें से कुछ के नाम पूछताछ के दौरान सामने आए हैं, जिनमें एक महिला दलाल भी शामिल हैं जो देश के दक्षिणी राज्यों में फैले हुए थे. इसके अलावा, फर्जी भर्ती मॉड्यूल ने एक सेना अधिकारी और भर्ती क्षेत्रों के सेवारत सेना कर्मचारियों का रूप धारण करके सैकड़ों इच्छुक उम्मीदवारों के लिए देहरादून, उत्तराखंड और श्रीगोंडा, महाराष्ट्र में एक फर्जी प्रशिक्षण शिविर स्थापित किया.
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प्रत्येक उम्मीदवार से 7-8 लाख रुपये की ठगी की. जांच में इस बात का भी पता चला है कि मॉड्यूल ने फर्जी सेना भर्ती रैकेट से अब तक लगभग 3-4 करोड़ रुपये की कमाई की है. क्योंकि यह रैकेट उसके सहयोगियों की सहायता से देश के कई राज्यों में चलाया जा रहा था.
इन राज्यों के उम्मीदवारों को लगाया लाखों का चूना
आरोपियों ने खुलासा किया कि मॉड्यूल की कार्यप्रणाली विभिन्न राज्यों में स्थित अकादमियों की मदद से महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के उम्मीदवारों को फंसाने का काम करती थे. ये रैकेट भर्ती के लिए सीधे उम्मीदवारों से संपर्क करता था. उसके बाद उन्हें देहरादून और श्रीगोंडा जंगलों में मॉड्यूल द्वारा स्थापित फर्जी प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने के लिए लुभाने के लिए रैलियां निकालता था और उन्हें पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर, मुख्य अभियंता अधिकारी और सेना की अन्य नियुक्तियों के नाम पर नकली ज्वाइनिंग लेटर भी जारी किए.
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