महाराष्ट्र में भेंडेवाड़ी गांव के निकट मंगलवार देर रात मूसलाधार बारिश होने के बाद एक छोटा बांध टूटने से सात लोगों की मौत हो गई और 24 लोग लापता हो गए. यहां एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. महाराष्ट्र जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने घटना की जांच का आदेश दिया है. रेजीडेंट डिप्टी कलेक्टर दत्ता भडकवाड़ ने आईएएनएस से कहा कि भारी बारिश के कारण तिवेर बांध मंगलवार रात स्तर से ऊपर बहने लगा और कुछ समय बाद ही करीब 9.30 बजे यह टूट गया.
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इसके बाद कम से कम सात गावों में बाढ़ आ गई, भेंडेवाड़ी में दर्जनभर घर बह गए, जिनमें 14 परिवार रह रहे थे. जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित ये प्रभावित गांव दादर, अकले, रिकटोली, ओवाली, करकवने और नंदीवासे हैं. इन गावों की कुल अनुमानित जनसंख्या लगभग 3,000 है.
आपदा प्रबंधन अधिकारी अजय सूर्यवंशी ने कहा कि सभी प्रभावित लोग भेंडेवाड़ी गांव के हैं, जो तिवेर बांध की दीवार के किनारे बसा है और अन्य प्रभावित गांवों में से किसी के मरने की खबर नहीं आई है. उन्होंने कहा, "कल (मंगलवार) रात गांवों में बाढ़ आ गई थी, लेकिन अब बांध का पानी कम होने और बारिश की रफ्तार कम होने से स्थिति सामान्य है." पुलिस को पानी से अब तक सात शव मिले हैं और शेष लोगों की तलाश जारी है। पानी में ग्रामीणों के लगभग 20 वाहन भी बह गए.
पुणे और सिंधुदुर्ग से अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों के अलावा आस-पास के क्षेत्रों के स्वयंसेवी लोगों ने युद्ध स्तर पर बचाव अभियान शुरू कर दिया है. शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं.
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महाजन ने कहा, "स्थानीय लोगों ने बांध से पानी रिसने की शिकायत दर्ज कराई थी और मरम्मत कराने की मांग की थी. उन्हें बताया गया था कि मरम्मत की जा चुकी है, लेकिन अब ये त्रासदी हो गई. हम पूरे मामले की जांच करेंगे."
यह बांध साल 2000 में बना था और भडकवाड़ ने कहा कि इसकी क्षमता 2,452 टीएमसी थी. महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्से में पिछले पांच दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है और मंगलवार को प्रदेश भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई.