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Waqf Bill: उद्धव ठाकरे पर AIMIM नेता का बड़ा बयान, कहा- चुनाव के समय याद आते हैं मुस्लिम

Waqf Bill: AIMIM नेता वारिस पठान ने उद्धव ठाकरे पर जुबानी हमला बोला है. वारिस पठान ने कहा कि उद्धव ठाकरे को मुस्लिम वोटर्स की याद सिर्फ चुनाव के समय आती है. आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के मुसलमान जवाब देंगे.

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Vineeta Kumari
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उद्धव ठाकरे

Waqf Bill: वक्फ बोर्ड संसोधन बिल को लेकर देशभर में जमकर राजनीति हो रही है. केंद्र सरकार को  AIMIM नेता ओवैसी ने मुसलमानों का दुश्मन करार दे दिया तो वहीं कांग्रेस इस संशोधन बिल को संविधान का उल्लंघन बताया. इन सबके बीच AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने शिवनेसा (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा बयान दिया है. वारिस पठान ने कहा कि उद्धव ठाकरे को चुनाव के समय मुसलमानों की याद आती है. आगामी चुनाव में प्रदेश के मुस्लिम वोटर्स जवाब देंगे और इसका हिसाब लेंगे. दरअसल, गुरुवार को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल की जरूरत क्यों है? केंद्र सरकार लगातार कह रही है कि इसमें संशोधन होने से मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को राज्य वक्फ निकायों में शामिल किया जा सकेगा. 

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उद्धव ठाकरे पर AIMIM नेता ने साधा निशाना

वहीं, सदन में वक्फ बोर्ड को जब पेश किया गया, उस समय उद्धव ठाकरे के 9 सांसद लोकसभा सदन की कार्यवाही के दौरान गायब थे. जिस पर आपत्ति जताते हुए वारिस पठान ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय उद्धव ठाकरे को मुस्लिम वोट की जरूरत थी, तो वह उनके पास जा रहे थे, लेकिन आज जब केंद्र सरकार उनसे जमीन छीन रही है तो वह गायब थे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स इसका हिसाब लेंगे. 

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विपक्ष कर रही है केंद्र सरकार का विरोध

आपको बता दें कि गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में अटक गया. जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया. कांग्रेस, टीएमसी, सपा, बीएसपी, एआईएमआईएम, एनसीपी (शरद पवार), डीएमके, आरएसपी इस बिल का विरोध कर रही है.

जानिए क्या है वक्फ बोर्ड?

वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति की निगरानी करता है. यह एक कानूनी इकाई होती है. दरअसल, वक्फ का मतलब होता है 'खुदा के नाम पर दिया गया धन'. जिसके तहत मुस्लिम अपनी संपत्ति को वक्फ को दान देते हैं. ऐसी संपत्ति के के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड के द्वारा किया जाता है. हर राज्य में शिया और सुन्नी दो तरह के वक्फ बोर्ड होते हैं. देश में पहली बार 1954 में वक्फ एक्ट बना था. जिसमें 1955 में पहला संशोधन किया गया और उसके बाद 2013 में संशोधन किया गया.

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