महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलट फेर हुआ है. एनसीपी के नेता अजित पवार शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने आज डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है. उनके साथ आठ अन्य नेता भी शिंदे सरकार में शामिल हो गए है. अजित पवार ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए मीडिया से बातचीत भी की. इस बीच अजित पवार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपने प्रोफाइल को बदल डाला है. उन्होंने अपने नाम के आगे डिप्टी सीएम लिख दिया है. उन्होंने लिखा, उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र विधान सभा सदस्य, बारामती, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, महाराष्ट्र विधान सभा, एनसीपी नेता. इससे पहले 18 अप्रैल को उन्होंने अपने प्रोफाइल से एनसीपी का झंडा भी हटा दिया. तभी से ये अटकलें लगने लगीं थी कि अजित पवार कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं.
पहले भी दिखा चुके है बागी तेवर
इससे पहले अजित पवार ने 2019 में भी बागी तेवर दिखाए थे. इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था, मगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. मगर मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई में शिवसेना भाजपा से अलग हो गई. उसने एनसीपी आर कांग्रेस से हाथ मिला लिया. इस मौके पर अजित पवार ने भाजपा का दामन थाम लिया. उन्होंने रातोंरात डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले ली. मगर बहुत न होने के पर अजित पवार वापस पार्टी में शामिल हो गए. यहां पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया. इसमें शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हुई.
क्यों बागी हुए अजित पवार?
गौरतलब है कि बीते माह दस तारीख को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी में उलटफेर किया. शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का नेतृत्व दिया. मगर अजित पवार को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी. इसके बाद से अजित पवार ने दोबारा से बागी तेवर दिखाए. इस बार वे शिंदे सरकार में शामिल हो गए.