Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र की राजनीति में उथलपुथल देखने को मिल रहा है. शरद पवार की पार्टी एनसीपी में अजित पवार ने बगावत कर दी है. सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी में विरोध के संकेत मिलने लगे थे. राजनीति के शतरंज में अजित पवार (Ajit Pawar) अपने चाचा को मात देने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए, लेकिन शरद पवार की एक चाल से वो खेल से बाहर हो गए. जयंत पाटिल ने अजित पवार को एनसीपी से बर्खास्त कर दिया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने सोमवार को अजित पवार (Ajit Pawar) को बर्खास्त कर दिया है. इसे लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) का कहना है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते जयंत पाटिल के पास उन विधायकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार है, जिन्होंने रविवार को राज्यभवन में मंत्री पद की शपथ ली थी.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) का कहना है कि मुझसे किसी विधायक ने बात नहीं की है. अजीत पवार पार्टी नहीं हैं. भाजपा अपनी सोचे, मेरे पार्टी के बारे में मत बोले. मेरे पास पहले विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं. आगे नतीजे अच्छे होंगे. उन्होंने आगे कहा कि सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है. जब वक्त आएगा तो सब साथ हो जाएंगे.
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आपको बता दें कि अजित पवार रविवार को अपने विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde Fadnavis Government) में शामिल हो गए. उन्होंने राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और उनके साथ अन्य 8 विधायक भी मंत्री बनाए गए. इसके बाद भतीजे ने अपने चाचा की पार्टी पर भी दांवा कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके पास 42 विधायकों का समर्थन है. इसे लेकर अजित पवार के आवास पर विधायकों की भी बैठक हुई थी.