महाराष्ट्र (Maharashtra) में शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी से अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत अनायास नहीं थी. उनके बागी होने से एक दिन पहले जो कुछ भी हुआ, उससे वह विचलित हो गए थे. उसके बाद उन्होंने बड़ा कदम उठाया और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) पद की शपथ ले ली. हालांकि देवेंद्र फडणवीस से उनकी बातचीत पहले से चल रही थी और शरद पवार को भी इस बात की जानकारी थी. खुद शरद पवार ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह जानकारी दी. हालांकि शरद पवार ने यह भी कहा, मैंने कभी सोचा नहीं था कि अजित पवार इतना बड़ा कदम उठाते हुए बीजेपी (BJP) के साथ जाकर सरकार बना लेंगे.
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शरद पवार ने बताया, '22 नवंबर को NCP और कांग्रेस नेताओं की बैठक चल रही थी. बैठक में दोनों पक्षों के बीच काफी गरमागरमी हुई थी. इससे अजित पवार असहज और नाखुश थे. उन्होंने मेरे सहयोगी को कहा कि मैं नहीं समझ पा रहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन कैसे काम करेगा? इसके बाद अजित पवार बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए थे. इस बात का जिक्र संजय राउत ने भी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में किया था.
संजय राउत ने कहा था, ये महाशय (अजित पवार) रात तक बैठकों में हमारे साथ थे, लेकिन नजरें नहीं मिला पा रहे थे. जिसकी नजर में खोट होता है, वो नजरें नहीं मिला पाता है. संजय राउत ने कहा, अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार को धोखा दिया है. यह न केवल शरद पवार के साथ धोखा है, बल्कि महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है. शिवाजी की धरती के साथ धोखा है. अजीत पवार और उनके साथ के विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों से छल किया है.
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शरद पवार ने कहा, 23 नवंबर को सुबह 8:09 बजे अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ शपथ लेते देख हैरान रह गए. उन्होंने कहा, यह कहना गलत है कि मेरी जानकारी के बिना ऐसा नहीं होता. फिर भी शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में अजित पवार (Ajit Pawar) को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने से इनकार नहीं किया. शरद पवार ने कहा, 'मैं यह नहीं कह सकता कि वह उपमुख्यमंत्री होंगे या नहीं. इसके लिए सहयोगियों से चर्चा करनी होगी, लेकिन बड़ी संख्या में पार्टी के सदस्यों का उनके प्रति पूरा सम्मान है, भले ही वे BJP में जाने से नाखुश रहे हों.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो