2024 लोकसभा के नतीजों के बाद से महाराष्ट्र में एनडीए के बीच सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. एनडीए गठबंधन के बीच लगातार दरारें बनती दिख रही है. खबर तो यह भी है कि प्रदेश में कुछ दल आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ने की संभावनाएं जता रहे हैं. वहीं, अब एनसीपी शरद पवार के एक बयान से महाराष्ट्र में सियासी हलचलें तेज हो चुकी है. अजित पवार के गुट में भी नाराजगी देखी जा रही है. दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने गुरुवार को राज्यसभा उपचुनाव को लेकर अपना नामांकन भरा है. जिसके बाद से एनसीपी के कई नेता लोकसभा और राज्यसभा चुनाव में किए गए टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग तो इसे वंशवाद की राजनीति बता रहे हैं.
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अजित पवार गुट में आई दरार!
सुनेत्रा पवार के पर्चा दाखिल करने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि वो राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक थे, लेकिन वह सुनेत्रा पवार के नामांकन से भी नाराज नहीं है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भी भुजगल नासिक सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. इसे लेकर वह क्षेत्र में काम भी शुरू कर चुके थे, लेकिन पार्टी ने हेमंत गोडसे को टिकट दे दिया. इस सीट से हेमंत गोडसे को हार का सामना पड़ा. सुनेत्रा पवार की बात करें तो वह लोकसभा चुनाव में भी बारामती सीट से चुनावी मैदान में उतरी थीं, लेकिन उन्हें सुप्रिया सुले के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही सुप्रिया ने चौथी बार बारामती सीट से जीत दर्ज की.
पवार ने खबरों को बताया अफवाह
वहीं, पार्टी में चल रहे मनमुटाव को लेकर अजित पवार ने कहा कि एनसीपी की शीर्ष इकाई ने सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाया है. विपक्ष समेत उनके कुछ करीबी लोग इस तरह की खबरें फैला रहे हैं. इस मीटिंग में प्रफुल्ल पटेल, भुजगल समेत तमाम नेता मौजूद थे. आपको बता दें कि एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई हैं. जिस पर 25 जून को राज्यसभा का उपचुनाव होना है. एनसीपी अजित पवार की पार्टी की तरह ही एकनाथ शिंदे के शिवसेना में भी सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है.
विधानसभा चुनाव से पहले क्या बिखर जाएगी NDA
दरअसल, महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में शिंदे की शिवसेना को 7 सीटों पर जीत मिली, लेकिन उसके बाद भी मोदी कैबिनेट 3.0 में सिर्फ एक राज्य मंत्री का पद दिया गया. जिससे शिवसेना नेता श्रीरंग बारणे ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि जिस पार्टी को सिर्फ 4-5 सीटें मिली उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया, लेकिन 7 सीट जीतने के बाद भी हमें कैबिनेट में जगह नहीं मिली. वहीं, एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीरंग बारणे ने बाद में बयानों का खंडन करते हुए कहा कि हम बिना शर्त मोदी सरकार को समर्थन दिया. अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव तक एनडीए एकजुट रहता है या फिर पार्टी में बिखराब आएगा.
MVA ने दिखाई एकता
उधर, आज MVA में भी दरार के बीच पार्टी के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सबकुछ ठीक है और वह विधानसभा चुनाव भी एक साथ लड़ेंगे. शनिवार को महाविकास अघाड़ी की बैठक बुलाई गई थी. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उद्धव ठाकरे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो MVA के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
HIGHLIGHTS
- अजित पवार गुट में आई दरार!
- सुनेत्रा पवार ने भरा नामांकन
- MVA ने दिखाई एकता
Source : News Nation Bureau