Maharashtra Water Crisis: देश के ज्यादातर हिस्सों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. इसी बीच कई इलाकों में पानी की समस्या भी होने लगी है. राजधानी दिल्ली में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के अमरावती के दूर दराज के गांवों में भी जल संकट गहरा गया है. ऐसा ही मामला अमरावती जिले के मरियमपुर गांव से सामने आया है. जहां गर्मी के चलते पानी की किल्लत होने लगी है और लोग तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर है. बता दें कि गर्मी के मौसम में महाराष्ट्र के कई इलाकों में पानी की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसा ही हाल इस बार भी देखने को मिल रहा है. मरियमपुर गांव के लोग चिलचिलाती धूप में कच्चे रास्तों से गुजरते हुए ऊंचे पहाड़ों पर पानी लेने जाते हैं. जहां एक तालाब है जिसका पानी दूषित बना हुआ है.
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तालाब ही पानी का एक मात्र स्रोत
ग्रामीणों का कहना है कि ये तालाब ही उनके गांव के लिए पानी का एक मात्र स्रोत है. तालाब का पानी दूषित होने के बावजूद लोग इसे पीने को मजबूर हैं, क्योंकि यहां पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. लोग इसी तालाब से पानी पीते हैं, या फिर तालाब के पास में गड्ढा खोदकर उससे पानी निकालकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं.
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#WATCH महाराष्ट्र: अमरावती के मेलघाट क्षेत्र में भीषण जल संकट से लोगों को परेशानी हो रही है। pic.twitter.com/2l8RPJtzPW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 31, 2024
दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे लोग
लोग के लोग तालाब से पानी लेकर जाते हैं और उसी का इस्तेमाल खाने और पीने के लिए करते हैं. जिससे कई लोग बीमार भी हो जाते है. इन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. तपती दोपहरी में गांव के लोग मीलों पैदल चलते हैं तब कहीं जाकर वे दूषित पानी अपने घर तक लेकर आते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि जब गड्ढों का पानी खत्म हो जाता है तो उन्हें तालाब का पानी पीना पड़ता है. लोगों का कहना है कि वे पानी लेने के लिए रात 10-11 बजे तक वहीं बैठे रहते हैं. गड्ढे में पानी खत्म हो जाता है तो तालाब से गंदा पानी लेना पड़ता है. उन्हें न तो पानी के टैंकर मिलते हैं और न ही नलों में पानी मिलता है.
#WATCH | Phulkai Belsare, a resident of Mariampur village says, "We sit here till 10-11 pm to collect water. If the water in the pit is finished, then we have to take dirty water from the pond. We are neither getting water tankers nor are we getting water in the taps." pic.twitter.com/NKezuBAclG
— ANI (@ANI) May 31, 2024
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें पानी लेने के लिए सुबह चार बजे ही उठना पड़ता है उसके बाद वे तालाब के पास आते हैं, क्योंकि पानी इकट्ठा करने के लिए पहले उन्हें गड्ढा खोदना पड़ता है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी समस्या देखने और सुनने वाला यहां कोई नहीं है. हर गांव में पानी की टंकी और बोरवेल है, लेकिन हमारे गांव में न टंकी है और ना ही बोरवेल खोदा जा सकता.
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HIGHLIGHTS
- भीषण गर्मी के बीच महाराष्ट्र में जल संकट
- अमरावती में तालाब का दूषित पानी पी रहे लोग
- गर्मियों में हर साल होती है यहां पानी की किल्लत
Source : News Nation Bureau