महाराष्ट्र के अमरावती में हुई केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के मुख्य आरोपी इरफान शेख को 7 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया. पुलिस ने मुख्य आरोपी को नागपुर से गिरफ्तार किया था. केमिस्ट उमेश की हत्याकांड का मास्टरमाइंड इरफान शेख बताया जा रहे है. इरफान शेख एक एनजीओ चलाता है. नूपुर शर्मा की टिप्पणी के समर्थन करने पर उमेश कोल्हे का हत्ये करने का पूरा प्लान इरफान शेख ने बनाया था. पुलिस के मुताबिक, 54 साल के केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या 21 जून को की गई थी और इस सिलसिले में अब तक 7 गिरफ्तारी की जा चुकी है. यह घटना राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या से एक हफ्ते पहले हुई थी.
21 जून को हुई थी हत्या
21 जून की रात 10 से 10:30 बजे के बीच उमेश कोल्हे की धारदार हथियार से गले पर वार करके हत्या की गई थी. उमेश अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहे थे, उनके साथ उनका बेटा और पत्नी वैष्णवी दूसरे बाइक से उनके साथ चल रहे थे. पुलिस के मुताबिक दो बाइक सवार लोगों ने पीछे से आकर उमेश का रास्ता रोक दिया. एक युवक बाइक से उतरा और उमेश की गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया और मौके से फरार हो गया. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
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उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा के समर्थन वाला एक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट "ब्लैक फ्रीडम" नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट किया था. इस ग्रुप में उमेश कोल्हे और डॉक्टर यूसुफ खान दोनों हैं. डॉ यूसुफ ने यही पोस्ट "रहबरिया फाउंडेशन" नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड किया, जिसमें इरफान भी है. इरफान दरअसल अमरावती में रहबर फाउंडेशन नाम का एक एनजीओ चलाता है.
पुलिस के मुताबिक, इस पोस्ट के बाद इरफान इतना बौखला गया कि उसने कोल्हे की हत्या की साजिश रच डाली. उसने ही लड़कों को इकट्ठा किया और 21 जून की रात को 10:30 के आसपास कोल्हे पर जानलेवा हमला करवाया. हमला करने वाले दो लड़के आतीब और शोएब थे. शोएब ने ही उमेश कोल्हे पर चाकू से वार किया. बाकी के तीन लड़के कोल्हे की दुकान पर नजर जमाए बैठे थे. उन्होंने ही कोल्हें के दुकान से निकलने की सूचना आतिब और शोएब को दी थी. हत्यारे 19 जून और 20 जून को भी कोल्हे को मारने के लिए घात लगाए थे लेकिन सफल नहीं हुए थे.
HIGHLIGHTS
- इस मामले का मास्टरमाइंड को 7 जुलाई तक रिमांड
- एनजीओ चलाता है इरफान शेख
- नूपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन किए थे उमेश कोल्हे