महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन ठिकानों पर छापेमारी की है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बताया गया कि यह छापेमारी महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब के एंगल को ध्यान रखते की गई है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के राज्य परिवहन मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नोटिस जारी किया किया था, जिसके बाद से शिवसेना के एक और नेता ईडी के रडार पर हैं. जानकारी के अनुसार ईडी ने सोमवार को शिवसेना नेता भावना गवली से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की.
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आपको बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े घटनाक्रम में शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब को नोटिस भेजा. पार्टी सांसद संजय राउत ने रविवार को यह जानकारी दी. मुंबई के पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की चल रही जांच के सिलसिले में परब को मंगलवार को ईडी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है. राउत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए घटनाओं के कालक्रम का हवाला देते हुए ईडी की प्रत्याशित कार्रवाई के लिए अपनी 'बधाई' दी. उन्होंने कहा, "शब्बास! जैसी कि उम्मीद थी, जैसे ही 'जन आशीर्वाद यात्रा' (केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे की) समाप्त हुई, अनिल परब को ईडी का नोटिस दिया गया है. ऊपर (केंद्र) की सरकार काम पर उतर गई है।" भारतीय जनता पार्टी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "भूकंप का केंद्र रत्नागिरि में है - कोंकण जिला जिसके परब संरक्षक मंत्री हैं।" लेकिन उन्होंने कहा कि वे कानूनी मामले से कानून के अनुसार लड़ेंगे.
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ईडी का यह कदम पिछले चार महीनों में भाजपा द्वारा परब के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के लिए कार्रवाई की मांग के मद्देनजर उठाया गया है. हालांकि, परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने राउत के आरोपों का खंडन किया और कहा कि ईडी के नोटिस को राणे की 'यात्रा' के दौरान हाल ही में देखी गई राजनीतिक उथल-पुथल से नहीं जोड़ा जा सकता, क्योंकि यह केंद्रीय जांच एजेंसी के पास दर्ज कुछ शिकायत के कारण शुरू हो सकता है.
Source : News Nation Bureau