लोकपाल के समर्थन में अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे ने अनशन को खत्म कर दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस की मौजूदगी में उन्होंने अपना आमरण अनशन खत्म करते हुए कहा कि वो सीएम फडवीस के वादे से सहमत है. महाराष्ट्र के सीएम फडनवीस ने कहा, 'हमने फैसला लिया है कि लोकपाल सर्च कमेटी 13 फरवरी को बैठक करेगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा. एक संयुक्त मसौदा समिति का गठन किया जाएगा और नया विधेयक तैयार करके इसे अगले सत्र में पेश किया जाएगा.'
अन्ना हजार सीएम देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन पर भरोसा जताते हुए अनशन खत्म कर दिया. अन्ना हजारे ने अहमदनगर के रालेगण सिद्धि में अपना उपवास समाप्त किया. वह केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों के गठन के लिए पिछले छह दिनों से उपवास पर थे. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देती है तो 8-9 को पद्म भूषण पुरस्कार वापस लौटा देंगे.
'जन आंदोलन सत्याग्रह' के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे अन्ना की प्रमुख मांगें हैं- केंद्र में लोकपाल, प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति और किसानों का मुद्दा. भूख हड़ताल शुरू करने से 3 दिन पहले ही अन्ना ने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था और ऐसा न करने पर भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही थी.
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अनशन शुरू करते हुए हजारे ने दावा किया था कि बीते 5 वर्षों में उन्होंने लोकपाल प्राधिकरण को लागू करने के लिए करीब 35 पत्र प्रधानमंत्री को लिखे लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया. इस मुख्य मांग के अलावा हजारे ने किसानों के मुद्दे को भी उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा इन्हें नजर अंदाज कर दिया जाता है, जिसके कारण देश भर में आत्महत्याओं की समाप्त न होने वाली घटनाएं जारी हैं.
Source : News Nation Bureau