देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन से सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं. इस बार अन्ना का आंदोलन केंद्र राजधानी दिल्ली नहीं बल्कि उनके गांव रालेगण सिद्धि से होगा. इससे पहले अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा था, ' मैं सुबह दस बजे मेरे गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठ रहा हूं. ये मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष पार्टी के विरुद्ध में नहीं है. समाज और देश के भलाई के लिए बार-बार मैं आंदोलन करता आया हूं, उसी प्रकार का यह आंदोलन है.' उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिए बार-बार मैं आंदोलन करता आया हूं, उसी प्रकार का यह आंदोलन है.
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आपको बता दें कि अन्ना हजारे के अनशन पर बैठने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया. महाराष्ट्र में अब मुख्यमंत्री कार्यालय भी लोकायुक्त के अधिकार में होगा. मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में हुई बैठक में इस पर मुहर लगाई गई.
इससे पहले 2011-12 में अन्ना हजारे की अगुवाई में ही दिल्ली के रामलीला मैदान में तत्कालीन UPA सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था. उस आंदोलन में शामिल रहे कई चेहरे अब देश की राजनीति का अहम हिस्सा हैं. जिसमें से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं, किरण बेदी पुडुचेरी की राज्यपाल बन चुकी हैं.
लोकपाल बिल की क्या है स्थिति?
लोकपाल विधेयक राज्यसभा में 17 दिसंबर, 2013 में पारित हुआ था और लोकसभा में इसे 18 दिसंबर, 2013 को पारित कर दिया गया था. राष्ट्रपति ने एक जनवरी, 2014 को लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अपनी मुहर लगा दी जा चुकी है.
Source : News Nation Bureau