महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुनाया. विधानसभा स्पीकर राहुल नर्वेकर ने संशोधित संविधान पर दोनों का भरोसा है. चुनाव आयोग के सामने संविधान पर सहमति नहीं है. दरअसल, असली मुद्दा है कि असली शिवसेना कौन है. तस्वीर साफ हो जाएगी कि शिवसेना पर किसका अधिकार होगा. शिवसेना ECI के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. मैंने चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान रखा. शिवसेना का 1999 का संविधान ही सर्वोपरि है.
2018 संविधान संशोधन रिकॉर्ड में नहीं है, इसलिए ये मान्य नहीं है. क्योंकि शिवसेना संगठन में 2018 में चुनाव नहीं हुए थे. 2018 के नेतृत्व संगठन को ध्यान में रखना होगा. स्पीकर ने कहा कि मेरे पास सीमित मुद्दा है. चुनाव आयोग के आदेश के परे मैं नहीं जा सकता हूं. दोनों गुट असली शिवसेना का दावा कर रहे हैं. 21 जून 2022 को जो हुआ उसे भी हमें समझना होगा. बता दें कि उद्धव गुट ने चुनाव अयोग के फैसले को चुनौती दी थी. इसपर स्पीकर राहुल नर्वेकर ने कहा कि याचिकाकर्ता की दलील स्वीकार नहीं की जाएगी.
Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar gives verdict in Shiv Sena MLAs' disqualification case pic.twitter.com/Uh3FEB0wLY
— ANI (@ANI) January 10, 2024
20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी.एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया था.देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे. उद्धव पक्ष ने दल-बदल कानून के तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया. फिर दोनों गुट सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाया. दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं
विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस मामले में थोड़ी देर बाद आधिकारिक बयान दूंगा. उन्होंने कहा कि मैं हमारे पास बहुमत है. विधानसभा में 50 सदस्य यानी 67% और लोकसभा में 13 सांसद यानी 75% है. इसी आधार पर, चुनाव आयोग ने हमें मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और चुनाव चिह्न धनुष-बाण अलॉट किया है. हमें उम्मीद है कि स्पीकर हमें योग्यता के आधार पर पारित करेंगे."
Source : News Nation Bureau