राजनीति में दोस्त और दुश्मन स्थायी नहीं होता. पहले से ही गढ़ा गया यह मुहावरा एक बार फिर सही साबित हो रहा है. महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में जो कुछ चल रहा है, वह इस मुहावरे को बल देता है. एक समय था, जब शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे (Shiv Sena Supremeo Bala Saheb Thackrey) कांग्रेस (Congress) को लेकर हमेशा आक्रामक रुख कायम रखते थे, आज वही शिवसेना बालासाहेब ठाकरे के सपने को पूरा करने के लिए कांग्रेस से समर्थन (Support Of Congress) की भीख मांग रही है. अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए शिवसेना ने बीजेपी से नाता तो तोड़ लिया है और अब वह एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) पर पूरी तरह निर्भर हो गई है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Leader Udhav Thackrey) ने कांग्रेस और एनसीपी (Congress and NCP) से अपील की है कि वे उनकी सरकार का समर्थन करेंगे.
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मनमोहन सिंह सरकार के समय 2010 में बालासाहेब ठाकरे ने सामना में एक आर्टिकल के जरिए कांग्रेस पर करारा हमला बोला था. बाल ठाकरे ने लिखा था, मुंबई सभी की है, लेकिन इटेलियन मम्मी की नहीं हो सकती. इस लाइन के बहाने बाल ठाकरे ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की थी. दरअसल, तब राहुल गांधी ने 26/11 के मुंबई हमले को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में शामिल वे उत्तर भारत के ही कमांडो थे जिन्होंने इस महानगर को बचाया. उस समय मुंबई में उत्तर भारतीयों को लेकर अलग तरह की राजनीति चल रही थी, जिस पर राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की थी.
राहुल गांधी के इस बयान पर बाल ठाकरे ने कहा था, कांग्रेस नेता ने ऐसा संवेदनहीन बयान देकर उन मराठा शहीदों का अपमान किया है, जिन्होंने अपनी जान की आहुति दी. उन्होंने लिखा था, कांग्रेस से हमें कोई सीख लेने की जरूरत नहीं है. शिव सेना ने कभी भी मुंबई को भारत से अलग करने की बात नहीं की. हमें उस कांग्रेस से सीख नहीं चाहिए, जो देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है. देश को बांटने वाले अब एकता की बात करते हैं. मुंबई सभी की है, लेकिन इटैलियन मम्मी की नहीं हो सकती.
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बाल ठाकरे ने लिखा था, देश में जब भी आतंकी हमला हुआ है, तो शिवसेना का स्पष्ट मत रहा है कि केवल हिन्दुत्च ही इसके खिलाफ लोगों को एकजुट कर सकता है, लेकिन कांग्रेस का हिन्दुत्व शब्द से ही एलर्जी है. नेहरू-गांधी परिवार सिर्फ मुसलमानों को साधकर ही देश में राजनीति करता चला आ रहा है. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं है. उन्हें पता होना चाहिए कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगनी पड़ी थी. मुंबई पर सारे देश का हक है लेकिन पहला हक महाराष्ट्र में पैदा हुए लोगों का है, जो मराठी बोलते हैं.