भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक दिन पहले शनिवार को गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता और तेलुगू कवि वरवरा राव को पुणे लाया गया है. शनिवार को पुणे पुलिस ने उन्हें हैदराबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था. वरवरा राव की बढ़ाई गई नजरबंदी (हाउस अरेस्ट) खत्म हो गई है. पुणे पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ने शनिवार को बताया, 'हैदराबाद हाई कोर्ट द्वारा वरवरा राव की बढ़ाई गई नजरबंदी खत्म हो गई और उनकी एक और याचिका कोर्ट के द्वारा खत्म कर दी गई. इसलिए उन्हें पुणे पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया और पुणे कोर्ट में पेश किया जाएगा.'
26 अक्टूबर को पुणे पुलिस ने सहआरोपी अरुण टी फरेरा और वर्नन गोंजाल्विस को हिरासत में लिया था, वहीं सुधा भारद्वाज को अगले दिन पुलिस हिरासत में लिया गया था.
भीमा-कोरेगांव दंगा की जांच के सिलसिले में पुणे पुलिस ने छापेमारी करके सुधा भारद्वाज, वर्नन एस गोंजाल्विस, अरुण टी फरेरा, गौतम नवलखा (अब मुक्त) और पी. वरवर राव को गिरफ्तार किया था. इन सब पर नक्सलियों से संबंध के आरोप लगाए गए थे.
इससे पहले जून में पुणे पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना विल्सन, सुधीर धावले, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत और राणा जैकब को भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया था.