राज्यसभा चुनाव ( Rajya Sabha Election) को लेकर कांग्रेस की चिंता बढ़ती जा रही है. कांग्रेस ( Congress ) की ओर से राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के साथ ही पार्टी की अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है. उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी के स्थानीय नेताओं में कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी बढ़ती जा रही है. राजस्थान के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) से इमरान प्रतापगढ़ी ( Imran Pratapgarhi ) को टिकट पर कई नेताओं ने खुलकर असहमति जताई है. 'बाहरी' के मुद्दे पर महाराष्ट्र के नेताओं ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi) को सख्त लहजे में पत्र भी लिखा है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र में प्रतापगढ़ तो चल सकता है, लेकिन प्रतापगढी चलना मुश्किल है. कांग्रेस को इस बात की चिंता है कि नाराज कांग्रेसियों ने अगर राज्यसभा उम्मीदवार को प्रतापगढ़ भेज दिया तो दिल्ली को क्या मुंह दिखाएंगे. चिंतन शिविर में कांग्रेस को चिंता है कि कहीं नाराज कांग्रेसी विधायक और नेता दिल्ली द्वारा राज्यसभा के उम्मीदवार के तौर पर भेजे गए इमरान प्रतापगढ़ी को प्रतापगढ़ भेज दिया. लोकसभा चुनाव की तरह यहां पर भी इमरान प्रतापगढ़ी की हार हुई तो यह मैसेज दिल्ली में गलत जाएगा.
प्रतापगढ़ी के विरोध में महासचिव का इस्तीफा
इसके अलावा महाराष्ट्र की सियासत में कांग्रेस के नेताओं के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाएगा. यही वजह है कि कांग्रेस के सभी नेता और मंत्री चिंतन शिविर में पहुंच कर कोशिश कर रहे हैं कि इस नाराजगी को दूर किया जाए. दरअसल, छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती महाराष्ट्र में छत्रपति का किला प्रतापगढ़ लोगों को चुन सकता है, लेकिन बाहर से आए प्रतापगढ़ी को लेकर नाराजगी काफी ज्यादा है. उसको लेकर कांग्रेस के महासचिव आशीष देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है. कई नाराज लोगों ने दिल्ली तक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है.
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सांठनिक पदों में हो सकता है बदलाव
उदयपुर में हुए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के चिंतन शिविर के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस भी दो दिवसीय नव संकल्प सम्मेलन करने जा रही है. इसकी शुरुआत आज साईं बाबा के शिर्डी से हुई है. इस चिंतन शिविर में कांग्रेस की कोशिश है कि नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओ को मनाया जाए. साथ ही जिन कांग्रेसी नेताओं ने अपने दबदबे की वजह से संगठन के भीतर कई पद लिए हैं उन सारे पदों को उनसे वापस लेकर नए और नेतृत्व को सौंपा जाए. इसके अलावा कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता है बाहर से आ रहे उम्मीदवारों की. वजह से महाराष्ट्र के भीतर कांग्रेस के नेता नाराज हैं और उनकी नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र में प्रतापगढ़ तो चल सकता है, लेकिन प्रतापगढी चलना मुश्किल
- महाराष्ट्र के नेताओं ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त लहजे में पत्र लिखा
- महाराष्ट्र कांग्रेस भी दो दिवसीय नव संकल्प सम्मेलन करने जा रही है