महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबकी निगाहें प्रोटेम स्पीकर पर टिकीं हुई हैं. इस बीच भाजपा विधायक कालीदास कोलाम्बकर को महाराष्ट्र विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया. दरअसल महाराष्ट्र में रातोंरात हुए महाउलटफेर के बाद बनी देवेंद्र फडणवीस सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बहुमत साबित करने के लिए कहा है. बहुमत परीक्षण के लिए कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के आदेश भी दिए हैं. अब सभी की नजरें प्रोटेम स्पीकर बनने वाले चेहरे पर टिकी हैं.
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नियम-कायदे कहते हैं कि सदन के सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए. अमूमन प्रोटेम स्पीकर का काम सदस्यों को शपथ दिलाना होता है. जबकि फ्लोर टेस्ट स्पीकर के सामने होता है. मगर कुछ परिस्थितियों में कोर्ट के आदेश पर प्रोटेम स्पीकर के सामने भी फ्लोर टेस्ट होता है. ऐसा पूर्व में भी होता आया है. इससे पहले बताया जा रहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने 17 वरिष्ठ विधायकों की सूची राजभवन को भेजी है. सूची में शामिल तीन बीजेपी विधायकों में हरिभाऊ बागड़े, बबनराव पाचपुते और कालिदास कोलम्बकर थे. इसमें हरिभाऊ पिछली विधानसभा में स्पीकर रह चुके हैं.
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बता दें, प्रोटेम लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'कुछ समय के लिए'. विधानसभा में स्पीकर की नियुक्ति तक कुछ समय के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होती है. यह नियुक्ति राज्यपाल की ओर से की जाती है. स्पीकर या विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के साथ ही प्रोटेम स्पीकर का काम स्वत: समाप्त हो जाता है.
(ians से इनपुट)