महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस (Black Fungus) को सूचनीय बीमारी (Notifiable Disease) घोषित कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस पर कहा कि महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के 2245 मामले सामने आए हैं. राज्य सरकार ने इसे सूचनीय बीमारी घोषित किया गया है. इसके साथ ही हर ब्लैक फंगस मरीज़ की जानकारी अब राज्य सरकार को देनी होगी. उन्होंने आगे कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले योजना के तहत 131 सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का मुफ्त इलाज किया जाएगा. फिलहाल 1007 मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. इन अस्पतालों में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन मुफ्त में दिए जा रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने ये ब्लैक फंगस के इंजेक्शन को लेकर कहा कि राज्य सरकार को जून के पहले हफ्ते में ग्लोबल टेंडर के जरिए एम्फोटेरिसिन-बी के 60000 वायल मिलेंगे. राज्य सरकार को वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर में अबतक कोई सफलता नहीं मिली है. राजेश टोपे ने कहा कि हम केंद्र सरकार से माँग करते हैं कि टेंडर जारी कर हमें वैक्सीन पहुंचाएं.
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बता दें कि महाराष्ट्र के अलावा गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा जैसे अन्य राज्यों ने भी इसे एक सूचनीय रोग के रूप में घोषित किया है, क्योंकि कम से कम 22 भारतीय राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले पाए गए हैं.
महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने दवा के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी की कमी की सूचना दी है, हालांकि पिछले हफ्ते टोपे ने घोषणा की कि सरकार द्वारा ब्लैक फंगस का भी कोविड -19 के साथ मुफ्त इलाज किया जाएगा.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र ने वर्तमान में 86,618 कोविड की मृत्यु दर्ज की है और 55,27,092 मामले दर्ज किए हैं. फ्रांस के ठीक नीचे, जिसकी दुनिया में रैंकिंग नंबर 4 है, इसके अलावा राज्य में 367,121 'सक्रिय मामलों' का इलाज किया जा रहा है.