बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के नतीजे आने के बाद अब भी यह सवाल बना हुआ है कि सत्ता की चाबी किसके पास जाएगी। ऐसे में अटकलें लगने लगी हैं कि कांग्रेस शिवसेना से संपर्क में है और बीजेपी को रोकने के लिए शिवसेना को समर्थन दे सकती है। बीएमसी में कांग्रेस के पास 31 सीटे हैं।
सूत्रों के अनुसार के अनुसार मुंबई कांग्रेस में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर विचार चल रहा है। मुंबई कांग्रेस के कुछ नेता चाहते हैं कि बीएमसी में महापौर चुनाव के दौरान कांग्रेस को शिवसेना का समर्थन करना चाहिए।
हालांकि, जानकारों के मुताबिक कांग्रेस और शिवसेना एक मंच पर आए, यह मुश्किल लगता है। ऐसा कभी हुआ भी नहीं है। इसलिए, यह अटकलें क्या सही भी साबित होंगी, यह देखना अभी बाकी है।
बीएमसी चुनावों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है और दोनों पार्टियों के बीत पर्याप्त संख्या जुटाने की होड़ मची है। इसी के तहत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर देर रात भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में नगर निगम चुनावों के बाद की स्थिति की समीक्षा की गयी और तमाम विकल्पों पर विचार किया गया।
शिवसेना को मिला दो उम्मीदवारों का समर्थन, दोपहर को उद्धव ठाकरे की अहम बैठक
इस बीच शिवसेना को शुक्रवार को दो बागी उम्मीदवारों का समर्थन मिल गया। इन दोनों उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके अलावा एक और निर्दलीय पार्षद ने शिवसेना के प्रति समर्थन जताया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी इसे मंजूरी देते हुए शिवसेना की संख्या 84 से 87 होने की बात कही है। भाजपा ने 82 सीटों पर जीत के साथ चार अज्ञात स्वतंत्र पार्षदों के समर्थन का दावा किया और महापौर पद के लिए कथित तौर 86 की संख्या बताई है।
इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार दोपहर अपने नेताओं के साथ अहम बैठक लेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक के बाद कुछ हद तक तस्वीर साफ हो सकती है।
बीजेपी के नेताओं ने गठबंधन की वकालत की
मुंबई नगर निगम के चुनावी नतीजों के बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और शिवसेना के बीच मेयर पद को लेकर जारी खींचतान को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मुंबई नगर निगम के संचालन के लिए दोनों दलों के पास गठबंधन के अलावा 'कोई और विकल्प' नहीं है।
गडकरी ने कहा, 'अभी ऐसी स्थिति है जिसमें दोनों दलों को साथ आना ही होगा।' गडकरी ने कहा, 'इस मामले में आखिरी फैसला मुख्यंत्री देवेंद्र फडनवीस और शिव सेना चीफ उद्धव ठाकरे ही लेंगे। दोनों नेता परिपक्व हैं और वह इस मामले में सही फैसला लेंगे।'
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एक मराठी टीवी चैनल से बातचीत में गडकरी ने कहा, 'मुझे लगता है कि दोनों दलों को सूझ-बूझ दिखाते हुए फैसला लेना होगा।' उन्होंने कहा कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में बीजेपी और पीएम मोदी को निशाना बनाया गया।
देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भी कहा है कि दोनों पार्टियों को अब पुरानी सभी बातों को भूलाकर एक बार फिर हाथ मिला लेना चाहिए। बीजेपी को बीएमसी चुनाव में 82 जबकि शिवसेना को 84 सीटों पर जीत मिली है।
Source : News Nation Bureau