Maharashtra: महाराष्ट्र हाईकोर्ट में लाडली बहन योजना के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. जिस पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एकनाथ शिंदे की सरकार को राहत दी है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए लाडली बहन योजना के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि ये कल्याणकारी योजनाएं हैं और ये उन लोगों के लिए जरूरी है, जो किसी कारण से वंचित रह गए हैं. इसलिए संविधान के अनुच्छेद-15 के तहत राज्य सरकार लोगों के हित के लिए लाभकारी योजनाएं बना सकती है.
हाई कोर्ट ने शिंदे सरकार को दी राहत
इन योजनाओं को देखने का सबका नजरिया अलग-अलग हो सकता है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही शिंदे सरकार ने प्रदेश में लाडली बहन योजना को लॉन्च किया है, जिसके तहत 21-65 साल की महिलाओं को जुलाई महीने से प्रतिमाह 1500 रुपये दिए जाएंगे. ये 1500 रुपये हर माह उन महिलाओं को मिलेंगे, जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख से कम हो.
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जानें क्या है लाडली बहन योजना
वहीं, लाडली बहन योजना के साथ ही सरकार ने लड़का भाऊ योजना की भी शुरुआत की है. इसके तहत प्रदेश में बेरोजगार युवाओं और छात्रों को कार्यबल के लिए मदद दी जाएगी और उन्हें फ्री में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण के लिए 10000 रुपये की मासिक सहायता दी जाएगी.
योजना के खिलाफ दर्ज की गई थी याचिका
आपको बता दें कि तीन महीने में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इस चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने लाडली बहन योजना को लॉन्च किया है. वहीं, इस योजना को राजनीति से प्रेरित बताते हुए मुंबई के एक सीए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में उसने दावा किया था कि इस तरह की योजनाएं राज्य को आर्थिक रूप से कमजोर कर रही है. इसके साथ ही उसने कहा कि राज्य में बच्चों को बुनियादी शिक्षा नहीं दी जा रही है, लेकिन लोगों को फ्री में सुविधा दी जा रही है. जिसकी मांग भी नहीं की गई है. राज्य के ऊपर पहले से ही 7.8 लाख करोड़ का कर्ज है. बावजूद इसके इस तरह की योजना लाना सही नहीं है.