मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर आर्यन जमानत मामले की सुनवाई की. जिसमें उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने दलीलें पेश की. आपको बता दें कि बेटे आर्यन को बचाने के लिए जी जान से जुटे किंग खान ने एक नहीं, बल्कि कई-कई नामचीन वकीलों को जमानत के लिए लगाया था. हालांकि शुरुआती दिनों में निराशा हाथ लगने के बाद शाहरुख ने आर्यन को जेल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी मुकुल रोहतगी को सौंपी थी. गुरुवार को सुनवाई के तीसरे दिन मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में न कटने वाले दलीलें पेश की, जिनके सामने एनसीबी की एक न चल सकी और हाईकोर्ट ने आर्यन की जमानत पर मुहर लगा दी.
पूर्व अटॉर्नी-जनरल मुकुल रोहतगी की दलील
ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ मामला में आर्यन खान का केस लड़ रहे पूर्व अटॉर्नी-जनरल मुकुल रोहतगी का कहना है कि खान जहाज पर अरबाज और अचित के अलावा किसी को नहीं जानता था। "अचित को 4 दिनों के बाद गिरफ्तार किया गया था. उसके बारे में कहा गया था. डीलर और उसके पास 2.4 ग्राम ड्रग था. एक डीलर के पास 200 ग्राम होना चाहिए. आपको बता दें कि भारत के लिए पूर्व अटॉर्नी-जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन खान के पक्ष में अपनी दलीलें पेश कर रहे थे, जबकि एएसजी अनिल सिंह एनसीबी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. क्रूज शिप मामले पर ड्रग्स एएसजी अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा कि गिरफ्तारी रिपोर्ट में व्यावसायिक मात्रा (ड्रग्स की) का उल्लेख है और आर्यन खान के पास जो ड्रग मिली है, उसका संबंध व्यवसायिक मात्रा से है.
कौन हैं मुकुल रोहतगी?
मुकुल रोहतगी कानून की दुनिया में वो नाम हैं, जिनकों किसी पहचान की जरूरत नहीं. अपनी दलीलों से न जानें कितने मुकदमों की दिशा बदल चुके मुकुल रोहतगी देश के सबसे अनुभवी और तेज तर्रार वकीलों में से एक माने जाते हैं. गुजरात दंगों जैसे बड़े केसों में सरकार की ओर से पैरवी कर चुके मुकुल 2014 से 2017 तक भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं. इसके साथ ही 2011 से 2014 तक वह सॉलिसिटर जनरल ( ASG ) भी रहे. यूं तो रोहतगी अब तक कई हाई-प्रोफाइल केस लड़ चुके हैं, लेकिन उनमें सबसे बड़ा मुकदमा 2002 गुजरात दंगा था. उन्होंने इसके साथ ही उन्होंने ASG की हैसियत से सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का केस भी लड़ा.
शाहरुख ने रोहतगी को क्यों दी थी जिम्मेदारी?
गौरतलब है कि शाहरुख खान ने बेटे आर्यन की जमानत के लिए पहले सतीश मानशिंदे को लगाया था. यह वही मानशिंदे हैं, जिन्होंने काला हिरण केस में सलमान खान को बचाया था. जबकि आर्यन के दूसरे वकील मशहूर अधिवक्ता अमित देसाई रहे. अमित देसाई वहीं हैं, जिन्होंने 2002 के हिट एंड रन केस में सलमान की पैरवी की थी. लेकिन ऐसे नामचीन और अनुभवी वकीलों को हायर करने के बाद भी जब आर्यन को जमानत नहीं मिल पाई तो शाहरुख को बेटे की जान बचाने के लिए मुकुल रोहतगी का सहारा लेना पड़ा था.