बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay High Court) के जज ने आरे (Aarey) में पेड़ो की कटाई पर रोक के संबंधी याचिका (plea) की तुरंत सुनवाई (immediately hear) से इंकार (refuses) कर दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के कल के आदेश के बाद जारी कटाई को रोकने के संबंध में याचिकाकर्ता जस्टिस एस. सी धर्माधिकारी के सामने पहुंचे थे. जस्टिस एस. सी धर्माधिकारी ने याचिकर्ताओं को चीफ जस्टिस (chief justice) के सामने जाने की हिदायत दी. जस्टिस ने कल इन्हीं याचिकाकर्ताओं की याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही पेड़ो की कटाई की अनुमति दे दी. इसके बाद 29 लोगों को न्यायिक हिरासत में ले लिया है.
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मुंबई (mumbai) की आरे कॉलोनी में 2500 पेड़ों की कटाई को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस मामले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) भी कूद पड़े. शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मेरे लिए आरे कॉलोनी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि आरे कॉलोनी को लेकर आज जो कुछ भी हो रहा है, जो कुछ भी हो रहा था और जो कुछ भी भविष्य में होगा, मैं विस्तृत और गहन जानकारी ले रहा हूं कि स्थिति क्या है और इस मुद्दे पर मजबूती से और सीधे बात करेंगे. महाराष्ट्र में हमारी सरकार आने वाली है. अगर हमारी सरकार एक बार फिर से सत्ता में आती है तो हम तय करेंगे कि पेड़ों के खूनियों का क्या करना है.
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वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को सही ठहराया है. उन्होंने कहा, दिल्ली में 271 मेट्रो (Delhi Metro) स्टेशन हैं. इनके लिए दिल्ली में भी पेड़ काटे गए थे. लेकिन अब राजधानी में पेड़ों की संख्या और ज्यादा बढ़ाई गई है. यही विकास और प्रकृति का पोषण है. हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि ये वनक्षेत्र नहीं है. जब दिल्ली में पहला मेट्रो स्टेशन बना था, तब भी 20 से 25 पेड़ काटे गए थे. उस समय भी लोगों ने विरोध किया था. लेकिन एक पेड़ काटा गया तो 5 पेड़ लगाए गए. इसलिए आज हमारा 'ट्री कवर' बढ़ा है.