महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) लंबे समय से चतुष्कोणीय हो चली है. राज ठाकरे काफी कोशिशों के बाद भी इसमें बदलाव नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुानाव के बाद शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने ऐसी दोस्ती बनाई कि वो टिकाऊ हो गई. इसमें से शिवसेना लंबे समय तक बीजेपी की सहयोगी रही थी, या यूं कहें कि बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना की सहयोगी रही थी. कभी हम बड़े भाई, तो कभी तुम बड़े भाई की तर्ज पर दोस्ताना चल रहा था. लेकिन शिवसेना से मिले झटके के बाद बाद अब बीजेपी भी स्थाई साथी की तलाश में है, तो राज ठाकरे भी ये मौका लपकने को तैयार दिख रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी (BJP) ने महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना (Shivsena) की जगह मनसे (MNS) को देने का पूरा मन बना लिया है. इसकी तैयारियां भी शुरु हो चुकी हैं. शिवसेना के खिलाफ मनसे के तेवर आक्रामक हैं, तो राज ठाकरे योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर रहे हैं. वो 5 जून को अयोध्या भी आ रहे हैं. इसके बाद वो 6 जून को लखनऊ में योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे. यही नहीं, वो औरंगाबाद में हाल के समय में रैली करने वाले हैं, जहां वो इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की तर्ज पर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की मांग करेंगे.
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इस तारीख को हो जाएगा गठबंधन का ऐलान?
यूं तो राजनीतिक मामलों में तारीखों का इंतजार हमेशा अनिश्चितता लेकर आता है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि 14 जून का दिन वो दिन होगा, जब बीजेपी (BJP) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आपस में गठबंधन का ऐलान कर देंगी. चूंकि नजर विधानसभा चुनाव पर है. ऐसे में राज ठाकरे (Raj Thackeray) को भी ठीक-ठाक समय मिल जाएगा और भाजपा भी अपना अच्छा सोच ही लेगी. दोनों साथ मिल कर चले तो ठाकरे की विरासत उद्धव की जगह राज तक पहुंचाने का काम बीजेपी करेगी, तो मनसे पुरानी शिवसेना की तरह बीजेपी को फ्री-हैंड दे सकती है.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव के संकेत
- NDA में शिवसेना की जगह लेने को तैयार MNS
- राज ठाकरे कर रहे योगी आदित्यनाथ-बीजेपी की तारीफ
Source : Pankaj Mishra