मध्य मुम्बई स्थित शिवाजी पार्क मैदान में गुरुवार को उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को लेकर बालमोहन विद्यामंदिर में भी जश्न का माहौल है. शिवसेना प्रमुख ठाकरे ही नहीं बल्कि मंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे राकांपा नेता जयंत पाटिल भी इस स्कूल के पूर्व छात्र हैं. ठाकरे बालमोहन विद्यामंदिर के 1976 बैच के छात्र हैं. तीन दिन पहले उनका नाम महाराष्ट्र विकास आघाडी की एक बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए तय किया गया था. स्कूल के शिक्षकों, ट्रस्टी और वर्तमान एवं पूर्व छात्रों में खुशी और उत्साह है. राज्य के शीर्ष पद के लिए ठाकरे का नाम तय होने के बाद उनके साथ पढ़ाई कर चुके कुछ पूर्व छात्र स्कूल पहुंचे. ठाकरे पहली बार सरकार में किसी पद पर आसीन होंगे, हालांकि जयंत पाटिल पूर्व में कांग्रेस.. राकांपा सरकारों में मंत्री रह चुके हैं.
स्कूल में पाटिल ठाकरे से एक वर्ष कनिष्ठ थे. दोनों राजनीतिक परिवारों से आते हैं. उद्धव के पिता बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी जबकि पाटिल के पिता राजाराम बापू पाटिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. यद्यपि किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी कि एक ही स्कूल में पढ़े दोनों नेता एक ही कैबिनेट में शामिल होंगे क्योंकि शिवसेना और राकांपा (कांग्रेस से अलग होकर बनी) राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ रही हैं. स्कूल के ट्रस्टी एवं निदेशक गुरुप्रसाद रेगे ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह स्कूल के लिए गर्व का क्षण है कि हमारे छात्र (मंत्री) पद की शपथ लेने जा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि शायद देश में ऐसा पहली बार हो रहा हो कि एक ही स्कूल के दो छात्र मंत्री बन रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी प्रसन्न हैं और निश्चित तौर पर इसका जश्न मनाएंगे.’’
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दोनों नेताओं के इस पद पर आसीन होने को देशनिर्माण में स्कूल के योगदान के तौर पर देखा जा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिवंगत दादा दादासाहेब रेगे ने स्कूल 1940 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान शुरू किया था. इसका उद्देश्य छात्रों का शारीरिक, मानसिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के साथ ही उनका विकास अच्छे मनुष्य के तौर पर करना था.’’ स्कूल के पूर्व छात्रों में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हेमंत गोखले, न्यायमूर्ति रंजना देसाई, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिलीप भोंसले, मनसे प्रमुख राज ठाकरे, अभिनेता निर्माता अमोल पालेकर, पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल शामिल हैं. ठाकरे के बचपन के मित्र विनय कोरे ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मेरे बचपन के मित्र उद्धव मुख्यमंत्री बन रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि यह सरकार 25 वर्षों तक चलेगी.’’
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ठाकरे के साथ कक्षा एक से पढ़ाई करने वाले कोरे ने कहा, ‘‘वह स्कूल के समय से ही बहुत सामान्य, ईमानदार और शांत रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह वास्तव में मुझसे एक वर्ष वरिष्ठ थे. लेकिन एक शिक्षक ने पहले ही दिन किसी कारण को लेकर उन्हें डांट दिया जिसके कारण वह एक वर्ष तक स्कूल नहीं आये.’’ कोरे ने कहा कि अगले वर्ष पहले दिन बाल ठाकरे उनके साथ स्कूल आये. कोरे ने कहा, ‘‘हमारी शिक्षक वसुंधरा ताई ने उन्हें अच्छी तरह से संभाला और वह अन्य बच्चों साथ घुलने मिलने लगे.’’