Sanjay Raut: महाराष्ट्र में 18 नवंबर को चुनावी प्रचार का दौर थम चुका है. बुधवार को यानी कल प्रदेश में मतदान किया जाएगा. इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है. राउत ने कहा कि दिल्ली और गुजरात से आने वाले लोग महाराष्ट्र को गुजरात बनाना चाहते हैं. महाराष्ट्र पर गुजराती कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
'महाराष्ट्र को गुजरात बनाना चाहते हैं'
दिल्ली से आने वाले बीजेपी के कार्यकर्ता चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं. हर बूथ पर 90 हजार गुजराती रहेंगे क्योंकि ये लोग महाराष्ट्र को दूसरा गुजरात बनाने की तैयारी कर रहे हैं. महाराष्ट्र में पहले अदानी आए हैं और अब अन्य गुजरातियों का भी अतिक्रमण बढ़ेगा. यह चुनाव महाराष्ट्र को गुजरातियों के अतिक्रमण से बचाने के लिए है.
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गुजरातियों के अतिक्रमण से बचाना है- राउत
बता दें कि सोलापुर में मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने यह बात कही. केंद्र सरकार महाराष्ट्र को गुजरात बनाना चाहती है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. सत्ता आती-जाती रहती है और हम इस बार चुनाव में जीत दर्ज करेंगे. महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है. अब तक राउत के बयान पर विपक्षी पार्टी की किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है. केंद्र सरकार के साथ ही राउत ने बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के बयान का हवाला देते हुए यह बात कही.
पांच सालों में प्रदेश में बड़ा उलटफेर
2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. हालांकि चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना और बीजेपी में बात नहीं बन पाई. जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया और महाविकास अघाड़ी बन प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. उद्धव ठाकरे प्रदेश के सीएम बनाए गए. वहीं, करीब ढाई साल बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई और प्रदेश में बड़ा उलटफेट देखने को मिला. 41 विधायकों के साथ शिंदे बीजेपी से जा मिले.
20 नवंबर को मतदान
जिसके बाद बीजेपी और शिवसेना की प्रदेश में सरकार बनी और उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई. एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का नया सीएम बनाया गया. इसके कुछ महीने बाद ही एनसीपी भी दो गुटों में विभाजित हो गई. एनसीपी (अजित पवार) और एनसीपी (शरद पवार). शिवसेना और एनसीपी के दो गुटों में विभाजन होने के बाद यह पहली विधानसभा चुनाव होने जा रही है. महायुति और महाविकास अघाड़ी में जनता किस पर भरोसा दिखाएगी. यह कहना मुश्किल है.