महाराष्ट्र के लोकसभा उप-चुनावों में सतारा निर्वाचन क्षेत्र से हारने के अगले दिन छत्रपति उदयनराजे भोसले ने आत्मविश्वास से कहा कि वह अभी समाप्त नहीं हुए हैं. मराठा योद्धा महाराजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज भोसले ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, 'आज हार गए हैं, लेकिन रुके नहीं हैं. जीते नहीं, लेकिन अभी तक खत्म नहीं हुए हैं. नौकरशाह से राजनीति में उतरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और पूर्व गवर्नर श्रीनिवास पाटिल द्वारा पराजित होने पर उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदाताओं और पार्टी कार्यकतार्ओं को उन्हें दिए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
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भोसले मई 2019 में एनसीपी से सांसद चुने गए थे. इसके बाद वह अचानक पार्टी का दामन छोड़कर सितंबर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए और इसके टिकट पर फिर से चुनाव लड़ा. इस निर्वाचन क्षेत्र को अजेय माना जाता है, कभी मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहे इस निर्वाचन क्षेत्र में भोसले को अजेय माना जाता था और यहां पहले उनके पूर्वजों ने शासन किया था. मगर अब भोसले को पाटिल के हाथों उप-चुनाव में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
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कभी उनके करीबी दोस्त और मेंटर रहे NCP अध्यक्ष शरद पवार ने सतारा में चुनावों से चार दिन पहले मूसलाधार बारिश के बीच एक रैली को संबोधित करते हुए स्वीकार किया था कि उन्होंने भोसले का चयन करके एक गलती कर दी थी. इस दौरान उन्होंने लोगों से पाटिल को वोट देने का आग्रह किया था. पवार की इस स्पष्ट और सरल अपील के बाद लोगों ने पाटिल को भारी मतों से विजयी बनाया. राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या भाजपा अब सतारा लोकसभा उप-चुनाव की भरपाई के लिए भोसले को राज्यसभा में शामिल करने पर विचार करेगी.
Source : IANS