मुख्यमंत्री बनने के तीन दिन बाद ही उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. आरे मामले में उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि मैंने कई पर्यावरणविदों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है, क्योंकि इन प्रदर्शनकारियों ने आरे मेट्रो कार शेड के लिए काटे जा रहे पेड़ के खिलाफ आंदोलन किया था.
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इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर अब आरी नहीं चलेगी. उन्होंने आरे कार शेड पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पदभार संभाल लिया. इसके तुरंत बाद मंत्रालय में कर्मचारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के काम को रोकने का आदेश दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि मेट्रो का काम नहीं रुकेगा, लेकिन अगले फैसले तक आरे का एक भी पत्ता नहीं काटा जाएगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अपने उस अंतरिम आदेश की अवधि को आगे बढ़ा दिया, जिसके तहत उसने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड की स्थापना के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि वह दिसंबर में मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी. न्यायालय ने 21 अक्टूबर को स्पष्ट किया था कि आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो ट्रेन शेड के निर्माण पर कोई रोक नहीं है, लेकिन यथास्थिति आदेश केवल पेड़ों की कटाई पर लागू है.
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सुप्रीम कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से मुंबई के प्रमुख हरित इलाके में काटे गए पेड़ों और नए लगाए गए पेड़ों के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. हरित कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं.