शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक और सांसद संजय राउत ने कहा, कि महाराष्ट्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे. संजय राउत ने बुद्धवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. साथ ही शिवसेना प्रमुख ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अयोध्या घूमने का न्योता भेजा है. आपको बता दें इसके पहले जून 2019 में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने 18 सांसदों और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन किए थे, इस दौरान एयरपोर्ट पर पार्टी के नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया था.
Chalo Ayodhya ! CM #UddhavThackeray will visit Ayodhya on the completion of 100 days in power! @OfficeofUT
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 22, 2020
आपको बता दें कि उस समय उद्धव ठाकरे के इस अयोध्या दौरे को राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा था. इसके पहले लोकसभा चुनाव से पूर्व भी ठाकरे अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे थे. उन्होंने उस वक्त भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. अब लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से चुनाव जीतने के बावजूद अगले महीने ही शिवसेना प्रमुख ने मोदी सरकार के घेराव के लिए अयोध्या का दौरा किया था. इसके पहले राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भी शिवसेना प्रमुख अयोध्या का दौरा करना चाहते थे, उनका 24 नवंबर को अयोध्या दौरे का कार्यक्रम भी बन चुका था लेकिन यह दौरा पहले ही रद्द हो गया था.
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राममंदिर का श्रेय किसी एक दल को नहीं
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राम मंदिर फैसल के बाद पिछले साल दिसंबर में इस बात का दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव उनकी पार्टी ने रखी थी, ऐसे में मंदिर निर्माण का श्रेय किसी एक दल को नहीं जाता है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा था कि दुनियाभर में बसे भारतीयों की इच्छा के अनुरूप अयोध्या में चार महीने के भीतर भव्य राम मंदिर बनेगा. शाह के इस बयान पर राउत ने महाराष्ट्र विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'अमित शाह ने यह सही कहा है कि आसमान छूता राम मंदिर बनेगा. लेकिन मंदिर की नींव रखने का काम शिवसेना ने किया था.' यह पूछने पर कि क्या इसका मतलब है कि राम मंदिर के लिए श्रेय भाजपा को जाता है.
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मीडिया सूत्रों के मुताबिक खबरें ऐसी भी आईं हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अप्रैल 2020 में शुरू होगा. वहीं 2022 में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. मीडिया के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को यह निर्देश भी दिया कि वो 3 महीने के अंदर योजना बनाए और मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे. सोमनाथ ट्रस्ट में 6 मेंबर थे, जबकि सूत्रों की मानें तो अयोध्या मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट में 14-17 सदस्य पैनल में हो सकते हैं. इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि नया ट्रस्ट बनाया जाए या फिर पुराने रामजन्मभूमि न्यास में ही नए सदस्य शामिल कर लिए जाए.