महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच 'कर्नाटक के नाटक' की झलक देखने को मिल रही है. मातोश्री में शिवसेना की बैठक हुई, जिसके बाद विधायकों को फाइव स्टार होटल रंगशारदा में शिफ्ट कर दिया गया है. क्या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपने विधायकों के टूटने का डर है? कुछ ऐसा ही नजारा कर्नाटक में भी देखने को मिला था, तब जेडीएस ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया था और उनसे किसी को मिलने की भी अनुमति नहीं थी.
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शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि शिवसेना विधायक दो दिन होटल में ही रहेंगे. हम वहीं करेंगे जो उद्धव ठाकरें कहेंगे. गुलाबराव पाटिल के इस बयान से साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में भी जोड़तोड़ की राजनीति देखने को मिल सकती है. फिर कर्नाटक के सियासी ड्रामे की यादें भी धुंधली नहीं पड़ी हैं, जब 17 कांग्रेस-जेडीएस विधायक अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर रिजॉर्ट में शिफ्ट हो गए थे.
कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने इन बागी विधायकों से मिलने की काफी कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके. इसके बाद अल्पमत में आई एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी. इससे पहले जेडीएस व कांग्रेस भी अपने-अपने विधायकों को समय-समय पर रिजॉर्ट में भेज चुकी है.
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महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी के खाते में आई हैं. बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन कर महाराष्ट्र विधानसभा लड़ा था. हालांकि, अब दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. शिवसेना 50-50 फॉर्मूला पर सीएम पद को साझा करने की मांग कर रही है, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है.
इधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी साफ कर चुके हैं कि उन्हें जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, वह किसी पार्टी के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगे. ऐसे में जोड़तोड़ कर ही किसी पार्टी की सरकार बन सकती है, जिसका डर उद्धव ठाकरे को सता रहा है. इसी के परिणामस्वरूप शिवसेना विधायकों को फाइव स्टार होटल रंगशारदा में शिफ्ट कर दिया गया है.