महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस के एक बड़े खेमे में नाराजगी का माहौल है. नाराज कुछ विधायकों ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करके अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया.
नाराज खेमे में पृथ्वीराज चव्हाण, नसीम खान, प्रणीति शिंदे, संग्राम थोपते, अमीन पटले, रोहितदास पाटिल जैसे कुछ नेता हैं. उनका कहना है कि कुछ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया. सत्ता के लिए जोड़तोड़ करने वाले कुछ विधायकों को ही कैबिनेट में जगह मिली है. जो वफादार कांग्रेस के विधायक हैं, उन्हें दरकिनार कर दिया गया है.
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इधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद अजीत पवार ने आज कहा कि तीनों दलों में पोर्टफोलियों को लेकर सारी बातें साफ हैं. विस्तार के बाद भी, मंत्री पहले से ही अपनी पार्टियों को सौंपे गए विभागों को संभालेंगे. केवल 1-2 विभागों में फेरबदल होने जा रहा है.
बता दें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार बनने के 32 दिन बाद सोमवार को उनके मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ. कुल 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली है. इनमें 26 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हैं. एनसीपी के 14, कांग्रेस से 10 और शिवसेना से 9 नेता मंत्री बने हैं. 3 अन्य विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है.
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राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मंत्रियों को शपथ दिलाई. धनंजय मुंडे और दिलीप वलसे पाटिल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. धनंजय मुंडे को वित्त मंत्रालय दिए जाने की चर्चा है. हसन मुश्रिफ शरद पवार के काफी करीबी हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई.
2008 से 2010 के बीच महाराष्ट्र के सीएम रहे अशोक चव्हाण को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख भी कैबिनेट मंत्री बने हैं.कांग्रेस विधायक केसी पाडवी ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
Source : News Nation Bureau