मुंबई के कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और संजय निरुपम ने प्रेस वार्ता कर राफेल मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. पार्टी की योजना देश भर में राफेल पर 50 प्रेस कांफ्रेंस करने की है. इस मौके पर आनंद शर्मा ने कहा, सरकार ने राफेल खरीद घोटाले में सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी, ऐसा पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा, एक सरकार ने प्रधानमंत्री को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला, क्योंकि प्रधानमंत्री ने सारे कानून ताक पर रखकर अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट दिया था. जहाज सरकारी कंपनी में बनने थे, जिसका 50 साल का अनुभव है. वायुसेना में जितने भी जहाज हैं तमाम विमान सरकारी कंपनी बनाती है.
उन्होंने कहा, राफेल को लेकर तकनीक एक्सचेंज होनी थी. डिफेंस प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के बाहर जाकर काम करने का किसी को अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ-साथ जो देश ख़रीदता है उसे सॉवरेन गारंटी देनी होती है. इस केस में फ्रांस को सॉवरिन गारंटी देनी थी. मार्च 2013 में HAL डेसाल्ट के लिखित अग्रीमेंट हो चुके थे. 25 मार्च 2015 में इसी कंपनी के सीईओ ने और वायुसेना अधिकारी और HAL के लोगों ने प्रेस कांफ्रेंस की कि 108 विमान बन कर आएंगे. 28 मार्च 2015 को अनिल अंबानी एक कंपनी बनाते हैं. 8 अप्रैल को जयशंकर कहते हैं कि राफेल का सौदा हो चुका है. 10 अप्रैल को मोदी जी फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले. उसमें सिर्फ मोदी ने बात की और कहा कि वे केवल 36 जहाज ही खरीदेंगे.
उन्होंने कहा, सवाल उठता है कि अनिल अंबानी को किसने बताया कि ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी नहीं होनी है, HAL से कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है. सरकार ने गलत जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर भरोसा कर उसे सत्य मान लिया. आनंद शर्मा ने कहा, नया कॉन्ट्रैक्ट तभी हो सकता है, जब पुराना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होता है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि हमारे पास कोई और रास्ता नहीं. भारत की एक ही शर्त थी कि इस कंपनी के साथ जॉइंट वेंचर किया जाए. 36 विमान खरीदेंगे और उसकी कीमत 126 के बराबर होगी. कांग्रेस पार्टी ने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले की जांच को लेकर कोई प्लेटफॉर्म नहीं है. भारतीय जनता पार्टी गलत प्रचार कर रही है. कांग्रेस राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता नहीं है.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जेपीसी से क्यों भाग रहे हैं. यदि कोई गड़बड़ी नही तो चर्चा करें इस शर्त के साथ कि JPC जांच होगी. जांच के बाद मोदी का नया चेहरा सामने आ जायेगा.
Source : Shailendra Singh Ankush