महाराष्ट्र में अभी सरकार बनी नहीं है कि इस बीच मुंबई में मेयर पद के चुनाव को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. राज्य में सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया है. शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी है, लेकिन इस बीच कांग्रेस ने शिवसेना को झटका देते हुए बीएससी में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नामांकन करने का ऐलान कर दिया है.
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बता दें कि मुंबई में ढाई-ढाई साल के अंतराल में मेयर चुना जाता है. इससे पहले फरवरी 2017 में भाजपा के समर्थन से शिवसेना के उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर ने जीत हासिल की थी और मुंबई के मेयर बने थे. विश्वनाथ महादेश्वर का कार्यकाल इस साल सितंबर में खत्म हो रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव से उनका कार्यकाल नवंबर तक बढ़ा दिया गया था, अब वहां मेयर का चुनाव हो रहा है.
बीएमसी में मेयर पद के चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शिवसेना को बड़ा झटका दिया है. इस बार शिवसेना के अलावा कांग्रेस भी बीएमसी में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नामांकन भरेगी. हालांकि, शिवसेना की पूर्व सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी मेयर चुनाव के लिए नामांकन नहीं भरेगी, जबकि बीएमसी चुनाव में बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी है. वहीं, एनसीपी ने पिछले दिनों ये कहकर शिवसेना को ग्रीन सिग्नल दे दिया है कि अगर शिवसेना चाहेगी तो वे उसे मेयर पद के लिए समर्थन देने को तैयार है. इस पद पर अब शिवसेना फिर से कब्जा रखना चाहती है. शिवसेना का 1996 से ही इस पद पर कब्जा रहा है.
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गौरतलब है कि बीएमसी के पिछले चुनाव में शिवसेना के 84 पार्षद चुनाव जीते थे, जबकि बीजेपी के 82 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. कांग्रेस के 31 पार्षद जीते थे, जबकि एनसीपी के 7 व सपा के 6 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. बाद में 6 निर्दलीय पार्षद शिवसेना में शामिल हो गए थे. मुंबई में लोगों की सुविधाओं का जिम्मा संभालने वाली बीएमसी का मेयर काफी प्रभावशाली पद होता है. इस नगर निगम का बजट कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा होता है. साल 2019-20 के लिए बीएमसी का बजट 30,692 रुपये था.