धारावी मुंबई के बीचो बीच बसी ऐसी झुग्गी बस्ती, जहां की तंग गलियों में इंसान सिर्फ सांस ले सकता है. लेकिन अब इन सांसों पर कोरोना का पहरा है क्योंकि एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती पूरे मुंबई के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. धारावी में कोरोना को रोकना कितना कठिन है इसको समझेंगे लेकिन पहले धारावी में कोरोना की मौजूदा आंकड़े क्या कहते हैं ये जानते हैं.
बीएमसी के मुताबिक धारावी में कोरोना के कुल 85 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद मरीजों की कुल संख्या 1327 पहुंच गई है जबकि इस बीमारी से अब तक 56 लोग जान गंवा चुके हैं.
ये भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे ने कहा- मॉनसून से पहले सबकुछ फिर शुरू करेंगे, मजदूर रखें संयम
मुंबई के बीचोबीच स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में कोरोना के संक्रमण को रोकना बेहद की चुनौतीपूर्ण है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना आसान नहीं है क्योंकि घनी आबादी और तंग गलियां इसमें सबसे बड़ा रोड़ा है.
धारावी की आबादी करीब 10 लाख..500 एकड़ में फैले धारावी की बस्तियों में बेहद छोटे—छोटे कमरे हैं जहां 8 से 10 लोग रहते हैं. 75 फीसदी लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. यहां की कई गलियों में सूरज की रोशनी भी ठीक से नहीं पहुंच पाती. छोटे छोटे कमरे और संकरी गलियों की वजह से यहां कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए पर्याप्त दो गज की दूरी भी मुमकिन नहीं है.
धारावी में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण की गंभीरता को केन्द्र सरकार भी समझ रही है. हाल ही में केन्द्रीय टीम ने धारावी का दौरा कर हालात का जायजा लिया था. यहां पर्याप्त संख्या में कंटेनमेंट एरिया या क्वारंटीन सेंटर न बनाए जाने पर बीएमसी को फटकार लगाई थी. इसके बाद उद्धव सरकार ने बीएमसी के चीफ को बदल दिया था. भौगौलिक हालात की मजबूरी चाहे जो हो लेकिन धारावी मुंबई का वुहान न बन जाए इसलिए धारावी में कोरोना पर लगाम लगाना होगा.