कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बीच महाराष्ट्र में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण शनिवार तड़के मौत हो गई. यह व्यक्ति पुणे रोड पर एक कुर्सी पर बैठा एंबुलेंस का इंतजार करता रहा और यहीं बैठे-बैठे उसने दम तोड़ दिया. अधिकारियों और परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी.
पीड़ित की व्याकुल पत्नी, बहन और अन्य रिश्तेदार शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए उसके चारों ओर बैठे रहे. वहीं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने उन्हें सांत्वना देने का प्रयास किया.
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यह घटना सुबह चार बजे के आसपास की है, जब पीड़ित येसुदास एम. फ्रांसिस कुर्सी पर बैठे लगभग तीन घंटों तक एंबुलेंस के आने का इंतजार करते रहे. एक स्थानीय स्वयंसेवी ने कहा कि इलाके में बंद और नियंत्रण उपायों के कारण वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेड या पत्थर लगा दिए गए हैं.
समर्थ पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने आईएएनएस को इस घटनाक्रम के बारे में बताया और कहा कि अस्पताल से आगे की जानकारी आने का इंतजार है. रात करीब एक बजे फ्रांसिस को काफी बेचैनी होने लगी, जिसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया और पुलिस से भी मदद मांगी.
बाद में परिवार वालों ने उन्हें पुणे के नाना पेठ क्षेत्र में मनुशा मस्जिद के पास अपने घर के बाहर एक कुर्सी पर बैठा दिया. यह इलाका कोविड-19 (Covid-19) महामारी से जूझ रहा है.
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करीब तीन घंटे तक परिजन एंबुलेंस के नंबरों पर फोन करते रहे, लेकिन कोई नहीं आया. हालांकि पुलिस का एक गश्ती दल कथित तौर पर वहां पहुंचा, लेकिन वह भी कोई मदद नहीं कर सका, क्योंकि कोई भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी.
सुबह लगभग चार बजे एक प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे फ्रांसिस ने आखिरी सांस ली. उसके परिवार के लोग असहाय उसके पास बैठे रहे. उनकी मौत के कुछ समय बाद एक टेम्पो उपलब्ध हुआ, जिसमें फ्रांसिस को एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां जाते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस परिवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के आसपास उसके परिजन दिख रहे हैं.