महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन उनमें इस रोग के लक्षण नहीं हैं और उनकी उनकी हालत स्थिर है. जन स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को यह बताया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मुंडे इस हफ्ते की शुरुआत में राज्य सचिवालय में मंत्रिमंडल की एक बैठक में शामिल हुए थे और उन्होंने यहां दो दिन पहले पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था. वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए राज्य के तीसरे मंत्री हैं.
इससे पहले अशोक चव्हाण (कांग्रेस) और जितेंद्र अव्हाड (राकांपा) के भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. हालांकि ये दोनों मंत्री अब इस रोग से उबर चुके हैं. यह पूछे जाने पर कि मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल क्या अन्य लोगों की भी जांच होगी, टोपे ने कहा कि दोनों मौकों पर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया गया था. टोपे ने कहा कि यदि किसी को संदेह (संक्रमित होने का) है या इस रोग के लक्षण नजर आ रहे हैं तो भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) दिशानिर्देशों के मुताबिक उनकी जांच कराई जानी चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि यह सच है कि उनकी (मुंडे की) कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उनमें इस रोग के लक्षण नहीं हैं, लेकिन सांस लेने की थोड़ी समस्या है. टोपे ने कहा कि हम उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल (दक्षिण मुंबई में) में भर्ती करा रहे हैं. वह एक योद्धा हैं. वह आठ-दस दिनों में सक्रिय हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि मुंडे से पहले उनके रसोइया, चालक और निजी सहायक सहित निजी कर्मचारी संक्रमित हुए हैं.
टोपे ने कहा कि वह मंत्रिमंडल की बैठक में और राकांपा स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए थे, लेकिन बैठक के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया था, जैसा कि दादा (उप मुख्यमंत्री अजीत पवार) ने निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि मुंडे (बैठक में) ज्यादा देर तक अन्य के संपर्क में नहीं थे. जिन लोगों के साथ आप दिन भर संपर्क में रहते हैं उनसे संक्रमण का खतरा अधिक होता है, ना कि घंटे भर की बैठक के दौरान साथ रहने से.
टोपे ने कहा कि राकांपा का स्थापना दिवस कार्यक्रम सिर्फ पांच मिनट चला था क्योंकि सिर्फ पार्टी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल ने संक्षिप्त भाषण दिया था. उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण के लिये राकांपा के सिर्फ पांच नेता उपस्थित थे. सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन किया गया. उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में (कोविड-19 का) कोई लक्षण नजर आता है तो जांच कराई जा सकती है. यदि लक्षण नहीं हैं तो जांच कराने का सवाल ही नहीं है.
मंत्री ने कोविड-19 का टीका उपलब्ध नहीं हो जाने तक लोगों से सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने सहित सभी एहतियाती उपाय करने का अनुरोध किया.
Source : Bhasha