महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Udhav Thackerey) ने संकेत दिया है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले (Bhima Koregaon Violence Case) में दलित कार्यकर्ताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मामलों को जल्द से जल्द वापस लिया जाएगा. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए उन्होंने यह बात कही. प्रतिनिधिमंडल में कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil), छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) और विधायक प्रकाश गजभिये (Prakash Gajabhiye) शामिल थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, NCP विधायक प्रकाश गजभिये ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर इस बारे में मांग की थी.
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इससे पहले 28 नंवबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्रालय से आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं और कोंकण में नाणार रिफाइनरी का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं पर से आपराधिक मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया था.
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पिछले साल एक जनवरी 2018 को कोरेगांव-भीमा की लड़ाई को 200 साल पूरे हुए थे. इस दिन भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोग पेशवा की सेना पर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की जीत का जश्न मनाते हैं. इस दिन दलित संगठनों ने एक जुलूस निकाला था, जिसमें हिंसा भड़क उठी थी और एक आदमी की जान भी चली गई थी. पुलिस का आरोप है कि 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों और बयानों से भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़की थी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो