मुंबई में डांस बार (Dance Bar) को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना सुरक्षित रखा फैसला सुना दिया. फैसले के मुताबिक डांस बार रात 11ः30 बजे तक खुले रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कुछ शर्तों के साथ डांस बार पर लगी रोक हटा दी. सुप्रीम कोर्ट ने डांसिंग एरिया में सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव को भी रद कर दिया. कोर्ट का कहना है कि बार डांसरों पर पैसे नहीं उछाले जा सकेंगे. उन्हें टिप दिया जा सकता है. कोर्ट ने रात 11:30 बजे तक ही डांस बार खोलने की इजाजत दी है. साथ ही स्कूल और धार्मिक स्थलों से दूर खोलने होंगे डांस बार.
Supreme Court has upheld a rule of Maharashtra government by which working women should have contract so they can’t be exploited, however quashed a rule of monthly salary for bar dancers.
— ANI (@ANI) January 17, 2019
बता दें सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार की दलील थी कि नया कानून गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है. इस नए कानून को इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
Mumbai Dance bar matter: Supreme Court quashed a rule that segregated dancing stage from the bar area where drinks are served. The Court has also struck down a condition by which dance bars should be 1 km away from educational and religious places. https://t.co/qqJZ9qpBlg
— ANI (@ANI) January 17, 2019
सुप्रीम कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ डांस बार संचालकों को राहत
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- डांस बार एरिया ओर ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी. सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक ओर dancers के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे हरहक डांस तो देख सके मगर उन तक जा न सके.
- मुम्बई जैसे क्षेत्र में धार्मिक जगहों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्क संगत नहीं है.
- ग्राहक dancers को टिप दे सकते हैं, मगर पैसे लुटाएंगे नहीं.
- कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं. ये अधिकार सरकार का नहीं बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है.
- कोर्ट ने कहा कि शाम 6,30 से 11,30 तक ही बार खोलने की अनुमति होगी.
- कोर्ट ने डांस बार मे cctv लगाने के नियम को भी खारिज किया.
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अगस्त में जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्त के साथ अश्लीलता की परिभाषाएं भी बदलती रही हैं.जजों ने बॉलिवुड फिल्मों का हवाला दिया जिनमें शुरुआती दौर में लव मेकिंग और किसिंग सीन दिखाने का चलन नहीं था और उसकी जगह चिड़ियों या फूलों के जरिए ऐसे सीन को दिखाया जाता था.
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सुनवाई के दौरानन कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार सभी को है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था, जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे. नए कानून के अनुसार, बार केवल शाम 6:30 से रात 11:30 बजे तक ही खुल सकते हैं. राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी, जहां लड़कियां डांस करती हैं.
Source : News Nation Bureau