पुणे बीपीओ गैंगरेप (Pune BPO Gang Rape Case) और हत्या के मामले में बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को दोनों दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी. दोषियों पुरुषोत्तम बोराटे और प्रदीप कोकडे को 24 जून को फांसी दी जानी थी लेकिन हाईकोर्टने 21 जून को कहा था कि उनके अगले आदेश तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा. जस्टिस बी पी धर्माधिकारी और जस्टिस स्वप्ना जोशी ने दोषियों द्वारा उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की याचिका को स्वीकार किया.
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कोर्ट ने कहा, 'उनकी सजा कम कर दी गई है.' दोषियों के वकील युग चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि कोर्ट ने दोनों के जेल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए आदेश में कहा कि उन्हें 35 वर्ष जेल में बिताने होंगे.
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सुनवाई कोर्ट ने 2012 में दोनों को दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. यह घटना 2007 की है, जब दोनों ने बीपीओ की एक कर्मचारी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी.