महाराष्ट्र कैबिनेट ने शनिवार को औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने के फैसले की पुष्टि की. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा था कि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का औरंगाबाद का नाम बदलने का फैसला तब लिया था जब वह अल्पमत में थी. ये अवैध था और उनकी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इसकी पुष्टि की जाएगी. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी एमवीए सरकार ने मध्य महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर "संभाजीनगर" करने की घोषणा की थी.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले पर बात की और कहा कि 'औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला एक अवैध सरकार ने गैरकानूनी कैबिनेट में निर्णय लिया था. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार, "हम नाम परिवर्तन से संबंधित महाराष्ट्र विधानसभा में एक प्रस्ताव लाएंगे, जिसे मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाएगा."
महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीती 11 जुलाई को अपने बयान में कहा था कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने का निर्णय उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार की बीती कैबिनेट बैठक में लिया गया था. यह महा विकास अघाड़ी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का नहीं है.
Source : News Nation Bureau