महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच लगातार खींचतान चल रही है. शिवसेना जहां 50-50 के फॉर्मूला पर अड़ी है, वहीं बीजेपी सीएम पद देने के लिए तैयार नहीं है. इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे पास अच्छी खबर है. राज्यपाल ने मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. मुझे महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला. मैं महाराष्ट्र, मोदी, शाह, नड्डा और हमारे सभी नेताओं का शुक्रगुजार हूं. प्रेसवार्ता में उन्होंने शिवसेना का नाम लिए बिना मुस्कराते हुए कहा कि सहयोगी को मेरा धन्यवाद.
यह भी पढ़ेंः देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद से दिया इस्तीफा तो राज्यपाल ने किया स्वीकार
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि हमें लोकसभा चुनावों के दौरान महाराष्ट्र में एक बड़ा जनादेश मिला और यहां तक कि विधानसभा में भी हमें सहयोगी के रूप में चुनावों का सामना करना पड़ा. महायुति (महागठबंधन) को स्पष्ट जनादेश मिला. हम 160 से अधिक सीट जीतने में सफल रहे. बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उन्होंने आगे कहा कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ था. मेरे सामने कभी भी ढाई साल सीएम पद को लेकर चर्चा नहीं हुई. मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फॉर्म्यूले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया है. मैं अमित शाह से भी मिला तो उन्होंने बताया कि शिवसेना ने अपना प्रस्ताव जरूर दिया था, लेकिन उसपर निर्णय नहीं लिया था.
फडणवीस ने आगे कहा कि भाजपा बालासाहेब ठाकरे का हमेशा सम्मान करती है. भाजपा ने उद्धव ठाकरे के बारे में कभी गलत नहीं कहा, लेकिन पिछले कुछ दिनों में शिवसेना के कुछ लोगों ने पीएम पर तंज कसा. इस प्रकार का आरोप बीजेपी सहन नहीं करेगी. पीएम मोदी के लिए इस प्रकार की टिका टिप्पणी कभी एनसीपी और कांग्रेस ने नहीं की है. राज्यपाल ने कहा कि जब तक कोई सरकार नहीं बन जाती है तो आप कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करते रहें. मैं उनके निर्देश का पालन करूंगा. देवेंद्र ने आगे कहा कि आने वाले समय में पुनः चुनाव होने के बजाय सरकार बननी चाहिए.
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाने की बात कही थी. महाराष्ट्र में जनादेश गठबंधन को मिला था. मैंने खुद फोन कर उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी. उद्धव ठाकरे के करीबी लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं. जब चुनाव साथ मिलकर लड़े थे तो फिर एनसीपी से चर्चा क्यों की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की ओर से कांग्रेस को कभी खुली ऑफर नहीं दी गई. आने वाले समय में भाजपा के नेतृत्त्व में ही सरकार बनेगी ये विश्वास है. सरकार बनाते वक्त हम टूटफूट की राजनीति नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ेंः बीजेपी के इस दिग्गज नेता के जन्मदिन के दिन ही शिवसेना ने दिया बड़ा झटका
उन्होंने आगे कहा कि जिस पार्टी के साथ आप देश और राज्य में सरकार बनाते हो उस पार्टी पर आप गलत बयान देते हैं तो ये हम हरगिज सहन नहीं करेंगे. शिवसेना ये गलत समझ रही है कि हम उस बयान का जवाब नहीं दे सकते हैं. हमें जवाब देना आता है, लेकिन हम अपनी सीमा खोना नहीं चाहते हैं. महायुति को लेकर हमने हमेशा प्रयास किया और बातचीत की. शिवसेना ने हमसे फोन पर भी बात करने को ठीक नहीं समझा और इस बीच उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत शुरू कर दी. शिवसेना की मंशा पहले ही थी कि वो कांग्रेस और एनसीपी से बात करें.
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र को सरकार की बेहद आवश्यकता है, क्योंकि बेमौसम बारीश से किसानों की फसल बर्बाद हुईं. कई समस्याओं से महाराष्ट्र की जनता परेशान है. जनता नहीं चाहती की राज्य में पुनः चुनाव हो. हमारे दरवाजे शिवसेना के लिए कभी बंद नहीं थे और ना ही रहेंगे. अगर साथ रहना है तो हमारे नेताओं पर बयानबाजी न करें. मैं और मेरे मंत्री हम जनता में जाएंगे और हम उनकी मदद करेंगे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो