भगवान राम के परमभक्त हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर विवाद बढ़ गया है, जिसपर मंथन के लिए आज 11 बजे से नासिक में धर्म संसद का आयोजन हो रहा है. विवाद को सुलझाने के लिए महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने धर्म संसद बुलाई है. स्वामी अनिकेत ने कहा कि धर्म संसद में देशभर के सभी साधु भगवान हनुमान की जन्मभूमि के संबंध में अपने विचार रखेंगे और उसके बाद संसद में जो भी निर्णय होगा उसे सभी को मानना होगा. धर्म संसद के मद्देनजर नासिक पुलिस ने आयोजकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है और जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है.
हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर धर्म संसद
दरअसल, कर्नाटक के एक संत ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म नासिक के अंजनेरी में नहीं, बल्कि कर्नाटक के किष्किंधा में हुआ था. वाल्मीकि रामायण का जिक्र करते हुए किष्किंधा के महंत गोविंदानन्द स्वामी सरस्वती ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म किष्किंधा में हुआ था. उन्होंने कहा कि रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहीं नहीं लिखा है कि हनुमान जी का जन्म अंजनेरी में हुआ था. जन्म स्थान हमेशा एक ही रहता है और कहीं भी यह नहीं लिखा है कि भगवान हनुमान का जन्म अंजनेरी में हुआ था. इस बारे में महंत गोविंदानन्द स्वामी सरस्वती (हनुमान जन्मभूमि ट्रस्ट, किष्किंधा-मठाधीश) ने हनुमान जन्मभूमि को लेकर कर्नाटक से अयोध्या तक शोभा यात्रा निकालने की तैयारी की थी लेकिन इस यात्रा का विरोध नासिक में किया गया. इस विवाद के बढ़ने के बाद ही अब धर्म संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें विद्वान प्रमाणों के साथ अपनी बात रखेंगे. ऐसा खुद महंत गोविंदानन्द ने ही अपील की थी. उन्होंने संतों से अपील की है कि वे हनुमान जी की जन्म भूमि अजनेरी है, यह सिद्ध करें.
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नासिक से 20 किमी दूर है अंजनेरी
अंजनेरी, नासिक-त्र्यंबकेश्वर के पहाड़ों में नासिक से 20 किमी दूर स्थित है. इसका नाम हनुमान की मां अंजनी के नाम पर रखा गया है. अंजनेरी पहाड़ी पर हनुमान जी के साथ अंजनी माता का मंदिर है. कहा जाता है कि इसी पर्वत पर हनुमानजी का जन्म हुआ था. हालांकि देश के अलग-अलग हिस्सों में हनुमान जी के जन्म स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं.
HIGHLIGHTS
- हनुमान जी के जन्मस्थान पर विवाद
- नासिक में धर्म संसद का आयोजन आज
- कर्नाटक के संत ने दी है चुनौती